छापा मारे जाने से नाराज व्यापारियों ने बंद किया हीरो का कारोबार

कोलकाता, 17 जनवरी। टैक्स चोरी के शक में अधिकारियों द्वारा चालू माह की शुरूआत में मारे गए छापों के बाद आंगडिय़ों या कूरियर्स के काम ठप करने से देश से पॉलिश्ड डायमंड का निर्यात लगभग ठप हो गया है। मुंबई से सूरत रफ डायमंड ले जाने और सूरत से पॉलिश्ड डायमंड मुंबई लाने वाले आंगडिय़ों ने सरकार की ओर से स्पष्ट दिशा निर्देश मिलने तक काम शुरू नहीं करने का फैसला किया है। इससे हीरा व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ा है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) और सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट ने चार जनवरी को मुंबई में मिलकर छापे मारे थे। इन छापों के दौरान 85 आंगडिय़ों को पकड़ा गया था और उनसे ऊंची कीमत वाले 1,042 पार्सल जब्त किए गए थे। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन, प्रवीण शंकर पंड्या ने बताया आंगडिय़ों के खिलाफ कार्रवाई से कारोबार, खासतौर पर एक्सपोर्ट पूरी तरह ठप हो गया है। छापों से व्यापार और आंगडिय़ा समुदाय को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि, मुंबई के जीएसटी कमिश्नर, के एन राघवन ने बताया कि जिन पार्सल के लिए सही दस्तावेज थे, उन्हें बाद में रिलीज कर दिया गया था। उन्होंने कहा अगर कोई व्यक्ति सही दस्तावेज के साथ आता है तो हम तुरंत पार्सल रिलीज कर देंगे। अगर उनके पास सही दस्तावेज नहीं हैं तो ड्यूटी चुकाकर पार्सल छुड़ाना होगा। गलत तरीका अपनाने पर हम हस्तक्षेप करेंगे। इस वजह से व्यापारियों को अधिक सतर्क हो जाना चाहिए। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब ग्लोबल मार्केट में डायमंड की मांग बढ़ रही है। दिसंबर 2017 में कट और पॉलिश्ड डायमंड का एक्सपोर्ट 7.68 फीसदी बढ़कर 159.23 करोड़ डॉलर का रहा, जो एक वर्ष पहले के इसी महीने में 147.87 करोड़ डॉलर का था। 2017-18 के पहले नौ महीनों में कट और पॉलिश्ड डायमंड का एक्सपोर्ट 1.85 फीसदी बढ़कर 1,719.64 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया, जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 1,688.43 करोड़ डॉलर का था। डायमंड ट्रेडर्स ने बताया कि आंगडि़ए रोजाना सूरत से मुंबई 1,000 पार्सल और मुंबई से सूरत 1,000 पार्सल लेकर जाते हैं। सूरत डायमंड की कटिंग और पॉलिशिंग का हब है, जबकि मुंबई डायमंड की ट्रेडिंग का बड़ा केंद्र है। यहीं से ग्लोबल मार्केट में पॉलिश्ड डायमंड का एक्सपोर्ट किया जाता है। जीजेईपीसी के चेयरमैन पंड्या का कहना है कि छापों के कई दिन बाद भी अभी तक यह पता नहीं चला है कि छापे क्यों मारे गए, किन शक्तियों के तहत छापे मारे गए और जीएसटी के किस उल्लंघन के कारण यह कार्रवाई की गई है। हालांकि, जीजेईपीसी के पूर्व चेयरमैन, विपुल शाह ने बताया कि उनका एक पार्सल भी छापे में पकड़ा गया था, लेकिन वैध दस्तावेज दिखाने के बाद उन्हें यह वापस मिल गया। उनका कहना था कि सही दस्तावेज होने पर कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।