आईएएस अधिकारी की सजगता से बचेंगे सौ करोड़

प्रशासनिक संवाददाता
भोपाल, 17 जनवरी। मप्र में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के नाम पर 9 जिलों में करीबन 15 करोड़ की हेराफरी का खुलासा करते हुए आईएएस अधिकारी रमेश थेटे ने सरकारी खजाने के हर साल सौ करोड़ रुपए बचा लिए हैं।
कालेजों में बीते तीन साल से चल रही धांधली को पिछड़ा के सचिव ने खुलासा कर धांधली पर रोक लगा दी है। विभाग का साल में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के नाम पर 550 करोड़ खर्च होते थे। जिलों में हुई धांधली की जांच कर आईएएस अधिकारी रमेश थेटे ने इस भारी भरकत बजट को घटाकर 450 करोड़ पर ले आए हैं। चर्चा में रमेश थेटे ने बताया कि उनके पास एक कालेज संचालक आया और उसने बताया कि कैसे उसे बीएड पाठ्यक्रम के लिए प्रति छात्र केवल 5300 रु. मिले जबकि कुछ कालेजों में यह राशि 25000 रु. भी है। यह सुनकर अधिकारी को शक हुआ और उन्होंने मामले की जांच कराई जिसमें 9 जिलों में करीबन 15 करोड़ की धांधली सामने आई है। 2014-15-2015-16-2016-17 में हर साल सौ करोड़ अधिक कालेजों को दिए जाते थे। रीवा, छिन्दवाड़ा, सतना, कटनी, गुना, मुरैना, बैतूल, बालाघाट, टीकमगढ़ में गड़बड़ी पकड़ी जा चुकी है।
थेटे ने चर्चा में बताया कि शासकीय धन का दुरुपयोग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिले में कोर्स की जो फीस सरकारी कालेज में निर्धारित है, उसी के तहत प्रत्येक कालेज के हर छात्र राशि दें। विभाग के इस निर्देश के बाद इस सरकारी खजाने को सालाना 100 करोड़ की बचत होंगी और कालेजों में मची लूट में पूरी तरह विराम लगने के साथ ही दोषियों पर कार्यवाही होना तय है।