पांच पर एफआईआर दर्ज, कई अधिकारी संदेह के दायरे में
सिटी रिपोर्टर
भोपाल, 7 दिसम्बर। राजधानी में सरकारी गेहूं, चावल की अफरा-तफरी को लेकर सोमवार को शुरू हुई जिला प्रशासन की कार्रवाई तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। तीसरे दिन जांच टीम ने गोदामों के ताले तोड़कर सरकारी राशन की जांच की। जिला प्रशासन की कार्रवाई देर रात तक चलती रही। खाद्य विभाग और जिला प्रशासन की टीम ने देर रात तक एमएस ट्रेडर्स के यहां जांच की। यहां टीम को खुला सरकारी चावल मिला। माना जा रहा है कि टे्रडर्स ने कार्रवाई के डर से रातों-रात सरकारी बोरियों में भरे चावल को निकालकर खुला रख दिया था, लेकिन इसकी पहचान सरकारी सप्लाई के चावल के रूप में हुई। इसके बाद जब्ती की कार्रवाई चलती रही। इसके साथ ही अब तक की जांच में दोषी पाए गए पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।
पहले दिन टीम को विक्की टे्रडर्स के यहां 650 क्विंटल सरकारी गेहूं मिला था। यह मदरसों और विकलांगों को सप्लाई होने वाला यह गेहूं बाजार में बिकने के लिए सीधे निजी गोदामों में पहुंच गया था। इसके तीसरे दिन की कार्रवाई में भी कई गोदामों से सरकारी गेहूं और चावल जब्त हो रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह राशन घोटाला बड़े पैमाने पर चल रहा है और करोड़ों रुपए का राशन अधिकारी, व्यापारी और ट्रांसपोर्टर मिलकर खा गए। मंगलवार को करोंद मंडी में जिला प्रशासन के अफसरों ने छह फर्मों के गोदामों की जांच की, जिनमें से तीन व्यापारियों के यहां से कुल 781 क्विंटल सरकारी गेहूं और 144 क्विंटल चावल जब्त किया गया। यह कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही।
इन पर हुई कार्रवाई
बुधवार को जिला प्रशासन ने अमन ट्रेडर्स के मालिक अरविंद साहू, विक्की ट्रेडर्स के मालिक अयाज अली, सिमरन फूड के रवि आहूजा, ट्रांसपोर्टर खालिद और मदरसों पर भी एफआईआर दर्ज कराई गई। इससे पहले मंगलवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम ने दो अधिकारियों को निलंबित किया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समाधान ऑनलाइन में अधिकारियों को निर्देश दिए कि राशन वितरण में किसी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है।
ये हैं घोटाले के जिम्मेदार
इस पूरे घोटाले में मुख्य रूप से मंडी प्रशासन और नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। करोंद मंडी बने गोदामों में आने वाले अनाज की एंट्री मंडी प्रशासन करता है। इधर, निजी गोदामों में सरकारी गेहूं आ गया और मंडी प्रशासन को भनक तक नहीं लगी। इसकी कहीं एंट्री भी नहीं हैं। इसके अलावा नागरिक आपूर्ति निगम गेहूं की सप्लाई करता है, जिन ट्रकों से राशन की सप्लाई होती है, उनमें जीपीएस सिस्टम लगा रहता है। इसके बाद भी यह गेहूं, चावल निजी गोदामों में पहुंच गया। इससे साफ होता है कि राशन की इस कालाबाजारी में कई अधिकारी भी मिले हुए हैं।
इस तरह हुआ घोटाला
फर्म मेसर्स विक्की ट्रेडर्स दुकान नंबर 188 दुकान पर सोमवार को गोविंदपुरा एसडीएम ने कार्रवाई की। इस दुकान पर 667 क्विंटल गेहूं मिला। गेहूं की बोरी पर नागरिक आपूर्ति निगम की सील लगी मिली। यह 2017 की सील थी।
-फर्म मेसर्स सिमरन फूड दुकान नंबर 55
मालिक की उपस्थिति में कार्रवाई हुई। इस दौरान हाथ की सिलाई की गई 292 बोरियों में 144.1 क्विंटल सरकारी चावल मिला, इस पर नागरिक आपूर्ति निगम की सील लगी मिली, जिसे जब्त कर लिया है।
अमन ट्रेडर्स दुकान नंबर 265
यहां टीम को 28 बोरियों में 14.28 क्विंटल सरकारी सप्लाई वाला गेहूं मिला। इसकी बोरियों पर सेवा सहकारी समिति अमझरा लिखा हुआ था, जिसे जब्त कर लिया है।
जामिया इस्लामिया अरबिया मस्जिद मोतिया पार्क
मरदसे के सचिव मजीद खान ने ट्रांसपोटर खालिद और विक्की ट्रेडर्स से मिलकर मदरसे का गेहूं बेचा। जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मदरसे के सचिव का कहना है कि उन्होंने 200 क्विंटल से अधिक गेहूं टे्रडर्स को सफाई के लिए दिया था, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में ये दोषी हैं।
मंडी कर्मचारियों ने नहीं की जांच
प्रशासन की रिपोर्ट में बताया गया है कि मंडी समिति के गेट पर इंद्रमणि द्विवेदी और विनोद भार्गव ने प्रवेश पर्ची जारी करते समय यह नहीं देखा कि ट्रकों से आने वाला गेहूं सरकारी सप्लाई वाला है या निजी उपयोग का है। ऐसे में यह भी दोषी हैं।
कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट
कार्रवाई के बाद एसडीएम मुकुल गुप्ता, रवि सिंह, अतुल सिंह और खाद्य अधिकारी ज्योति शाह ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर डॉ. सुदाम खाड़े को सौंप दी है।