गुजरात चुनाव में राम मंदिर की गूंज
धंधुका, 7 दिसंबर। राहुल गांधी के धर्म पर विवाद के बाद अब अयोध्या मसले की भी गुजरात के विधानसभा चुनाव में एंट्री हो गई है। बुधवार को अहमदाबाद के धांधुका में चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मसले पर कांग्रेस को निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से कपिल सिब्बल द्वारा अयोध्या मसले पर सुनवाई टालने की मांग पर तीखा हमला बोला।
नरेंद्र मोदी ने कहा, मुझे इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है कि कपिल सिब्बल मुस्लिम समुदाय की तरफ से लड़ रहे हैं, पर वह यह कैसे कह सकते हैं कि अगले चुनाव तक अयोध्या मामले का कोई हल नहीं होना चाहिए? इसका संबंध लोकसभा चुनाव से कैसे है? पीएम मोदी ने कहा कि आखिर 2019 में चुनाव कांग्रेस लड़ेगी या फिर सुन्नी वक्फ बोर्ड चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा, यह साफ है कि मैं तीन तलाक के मुद्दे पर चुप नहीं रहूंगा। हर चीज चुनाव के बारे में नहीं होती। यह मुद्दा महिलाओं के अधिकारों का है। चुनाव इंसानियत के बाद आता है।
राहुल के मंदिर दर्शन पर भी कसा तंज
राहुल गांधी के मंदिर दर्शन पर तंज करते हुए कहा कि मंदिर जाने से गुजरात में बिजली नहीं आई। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए तीन तलाक मामले पर कहा कि मैं चुनाव के लिए फैसले नहीं लेता। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुजरात के 33 जिलों में चुनाव प्रचार की कमान थामे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अहमदाबाद के धंधुका में थे। यहां उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें याद किया। इसके बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस को लपेटे में लेकर कहा कि एक परिवार के लिए अंबेडकर और सरदार पटेल के साथ नाइंसाफी हुई। नरेंद्र मोदी ने आगे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सॉफ्ट हिंदुत्व फैक्टर पर धावा बोलते हुए कहा, मंदिर-मंदिर जाने से गुजरात में बिजली नहीं आई। मैं इतने सालों से माला नहीं जप रहा था बल्कि काम कर रहा था।
दागा सवाल, राम मंदिर का चुनाव से क्या कनेक्शन
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर अपना प्रहार जारी रखा और अयोध्या विवाद पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बयान पर कहा कि मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल अयोध्या विवाद में मुस्लिम समुदाय की ओर से पैरवी कर रहे हैं। लेकिन वह कैसे सुप्रीम कोर्ट से कह सकते हैं कि अगले चुनाव तक इसका हल ना निकालें। इस मुद्दे का लोकसभा चुनाव से भला कैसे कोई कनेक्शन है?
दलित से करिए इंटरकास्ट मैरिज, अब हर जोड़े को मिलेगा 2.5 लाख
इंटर कास्ट मैरिज को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 5 लाख रुपए की सालाना आय की अधिकतम सीमा को खत्म कर दिया है। केंद्र के इस फैसले से अंतर जातीय विवाह करने वाले सभी आय वर्ग के लोगों को डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज योजना का लाभ मिल सकेगा। इस स्कीम के तहत इंटर कास्ट मैरिज करने वाले जोड़े को सरकार 2.5 लाख रुपए देगी, जोड़े में से लड़के या लड़की किसी एक को दलित होना चाहिए, बता दें कि इस योजना का लाभ पहले 5 लाख रुपए से कम की सालाना आय वाले जोड़े को ही मिलती थी।
केंद्र सरकार ने ज्यादा से ज्यादा इंटर कास्ट मैरिज को बढ़ावा देने के लिए इस शर्त को हटा दिया है, यानि अब 5 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले जोड़े भी इस योजना का फायदा उठा सकेंगे। साल 2013 में शुरू हुई डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज योजना के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य हर साल कम से कम 500 अंतर जातीय विवाह करने वाले जोड़े को योजना के तहत पुरस्कृत करने का लक्ष्य रखा गया था।
नियमों के मुताबिक 2.5 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि पाने के लिए जोड़े की वार्षिक आय 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी।