मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर अपने बयानों से हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बने रहते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी खामोशी से लग रहा है कि जैसे वे अपनी राजनैतिक यात्रा के पूर्ण विराम की ओर जा रहे हैं। हाल ही विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी उनके स्वर मुखर नहीं दिखे। हालांकि उनकी बहू श्रीमती कृष्णा गौर की बढ़ती सक्रियता देखकर लगता है कि अगले विधानसभा चुनाव में उनकी दावेदारी मजबूत है। बाबूलाल गौर की इस संजीदगी को देखकर विश्लेषक सवाल करने लगे हैं कि क्या बाबूलाल गौर गुम हो गए हैं या फिर किसी राज्य के राज्यपाल बनने के लिए उन्होंने अपनी मौन स्वीकृति दे दी है।