सदस्य बोले 2 साल बचे हैं क्या करेंगे नियम पढ़ कर
सिटी रिपोर्टर
भोपाल, 7 दिसंबर। जिला पंचायत परिषद की सामान्य प्रशासन की बैठक में उस समय सदस्य आश्चर्य चकित हो गए, जब सीईओ हरजिंदर सिंह ने उन्हें पंचायत राज नियमों की किताब हाथ में थमाई। उन्होंने सदस्यों से कहा कि अब आप इस नियमावली का भी अध्ययन करें ताकि आपको सवाल-जवाब और प्वाइंट टू प्वाइंट बात करने में दिक्कत न आएं। जिला पंचायत परिषद गठन के पौने तीन साल बाद अचानक नियमों का अध्ययन वाली बात सुनकर बैठक में मौजूद सदस्य अचंभे में पड़ गए।
हालांकि उन्होंने पुस्तक ले ली, साथ ही कहा कि अब दो साल का कार्यकाल ही बचा है। नियम नहीं भी पढ़ेंगे तो काम चल जाएगा। जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन सभा की बैठक बुधवार को दोपहर करीब 12.30 बजे जिला पंचायत सीईओ के कक्ष में हुई। बैठक में मुख्य रूप से शिक्षा विभाग की समीक्षा की गई। इस दौरान वार्ड 6 के सदस्य हटेसिंह सोलंकी ने नजीराबाद क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थ टीचर्स हफ्ते में तीन छुट्टी मनाते हैं। इससे शनिवार से लेकर सोमवार तक अधिकांश स्कूल बंद ही रहते हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बंद हुए स्कूल मंगलवार को ही खुलते हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष मनमोहन नागर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाही को स्वीकृति दी गई, साथ ही जिला पंचायत में उपलब्ध 50 करोड़ रुपए के बजट का अनुमोदन किया गया। बताया गया कि इस बजट का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र की विकास योजनाओं पर किया जाएगा।
साधारण सभा में निशाने पर रहे अधिकारी
जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक में शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान नजीराबाद क्षेत्र के स्कूलों का मुद्दा उठा। सदस्य हटेसिंह सोलंकी ने कहा कि नजीराबाद में कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में प्राचार्य को बदला जाए, क्योंकि वर्तमान में पदस्थ प्राचार्य बच्चों की पढ़ाई में कम और इधर-उधर की बातों में ज्यादा मशगूल रहते हैं। इसी तरह जनपद अध्यक्ष आरती यादव सहित जिपं सदस्य आरती मीणा, रचना मीना, प्रियंका गोयल ने भी स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक न होने की शिकायत की। इस पर जिपं अध्यक्ष ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि जो अतिशेष शिक्षक हटाए गए हैं, उन्हें पिछले शिक्षा सत्र और वर्तमान शिक्षा सत्र में बच्चों की संख्या के आधार पर वापस शालाओं में बुलाने की कार्यवाही की जाए, इस पर डीईओ धमेंद्र शर्मा ने शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
अस्पतालों में ताले डाल दें
जिले के 90 प्रतिशत उप स्वास्थ्य केंद्र स्थायी रूप से बंद रहते हैं। वहां न कोई डॉक्टर न कोई चिकित्सा व्यवस्था है। ऐसी स्थिति में उन उप स्वास्थ्य केंद्रों में ताले ही डाल देना उचित होगा। जिपं सदस्य आरती मीणा, प्रियंका गोयल तथा सांसद प्रतिनिधि घनश्याम शर्मा ने कहा कि अगर एक हफ्ते में व्यवस्था नहीं सुधरी तो हम स्वयं जाकर अपने-अपने क्षेत्र के उप स्वास्थ्य केंद्रों में ताला डाल देंगे, जिसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी।
बीडीए से वापस लें आंगनबाड़ी की राशि
अध्यक्ष ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में बीडीए द्वारा बनाई जा रही आंगनबाडिय़ों को शासन ने वापस किया है। ऐसे में जो राशि बीडीए के पास बची है, उसे तुरंत वापस मंगाएं ताकि पंचायतों को राशि आवंटित आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कराया जा सके। यह कार्यवाही एक सप्ताह में पूरी करा ली जाए।