मुख्यमंत्री ने की लोक निर्माण विभाग, जल निगम की समीक्षा
भोपाल, 8 दिसम्बर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी गांव 2018 तक सड़कों से जोड़े जाएं। इसके लिए सड़क निर्माण की विभिन्न योजनाओं को मिलाकर समग्र कार्य योजना बनायी जाए। मुख्यमंत्री आज लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह और मुख्य सचिव बीपी सिंह भी उपस्थित थे।
शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में निर्देश दिए कि सभी सड़कों की मरम्मत का समयबद्ध कार्यक्रम बनाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में विधायकों द्वारा दिये गये प्रस्तावों के आधार पर सड़कों के कार्य प्राथमिकता से कराये जाएं। प्रदेश में स्वीकृत 380 पुल-पुलियाओं की निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर शीघ्र कार्य प्रारंभ किये जाएं। केन्द्र सरकार की भारत माला परियोजना में राज्य से प्रस्ताव भेजे जाएं। इस परियोजना में प्रदेश की पर्यटन और धार्मिक स्थलों को जोडऩे के प्रस्ताव शामिल किए जाएं। स्वीकृत सड़क मार्गों के कार्य वर्षा ऋतु के पहले पूरे किए जाएं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 1,750 किलो मीटर राष्ट्रीय राजमार्ग अच्छी स्थिति में हैं तथा 2,478 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्य चल रहे हैं। प्रदेश में 10,45 किलोमीटर राज्य राजमार्ग विकसित और अच्छी स्थिति में हैं तथा 1250 किलोमीटर राज्य राजमार्ग के कार्य चल रहे हैं। प्रदेश में हाल ही में घोषित 5400 किलोमीटर नवीन मुख्य जिला मार्ग में नवीन परियोजनाओं के प्रस्ताव बनाये गए हैं। लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत अन्य जिला एवं ग्रामीण मार्गों में 16190 किलोमीटर अच्छी स्थिति में हैं तथा 5205 किलोमीटर के कार्य चल रहे हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव लोक निर्माण मोहम्मद सुलेमान, राज्य सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक मनीष रस्तोगी, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
ग्रीष्मऋतु में पेयजल आपूर्ति की योजना पहले से बनाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल आपूर्ति की अग्रिम योजना बनाएं। इसमें पूर्व से आकलन करें तथा संसाधनों की व्यवस्था करें। मुख्यमंत्री आज जल निगम की बैठक ले रहे थे। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव और मुख्य सचिव बीपी सिंह भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाओं के निर्माण का समयबद्ध रोडमेप बनाएं। ग्रामीण बसाहटों में पेयजल व्यवस्था के लिये नवीन हैंडपंप स्थापना की तैयारियां करें। नलजल योजनाओं में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। समूह नलजल योजनाओं का बेहतर प्रबंधन करें। गर्मियों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति बनाये रखने के लिए समय से तैयारियां करें। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 15,418 नल-जल योजनाएं तथा 5 लाख 35 हजार हैंडपंप हैं। मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजनाओं के लिए 2,379 ग्राम चिन्हांकित किए गए हैं। इसके प्रथम चरण में 1650 नल-जल योजनाएं आगामी फरवरी 2019 तक पूरी की जाएंगी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बन्द नल-जल योजनाओं को स्थल पर चालू रखने के लिये स्त्रोत सुरक्षा योजना पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में दो विकासखंडों में संचालित की जायेगी। जारी वर्ष में 6 हजार 419 नये हैंडपंप स्थापित किये गये हैं। ग्रीष्मऋतु में पेयजल आपूर्ति के लिये विभाग द्वारा कार्य योजना बनायी गई है। जल निगम द्वारा 30 समूह नल-जल योजनाएं निर्माणाधीन हैं जिनसे 1,635 ग्राम लाभान्वित होंगे। जल निगम द्वारा 6 समूह नलजल योजनाएं पूर्ण कर ली गईं हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी प्रमोद अग्रवाल, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन मलय श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
एक लाख से अधिक शालाओं में वार्षिकोत्सव के साथ प्रतिभा पर्व सम्पन्न
प्रदेश की एक लाख 14 हजार शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में 5 दिसम्बर से शुरू हुए प्रतिभा पर्व का समापन आज वार्षिक उत्सव के साथ हो गया। पर्व के दौरान 5 और 6 दिसम्बर को विषयगत मूल्यांकन के दौर से गुजरने के बाद पर्व के अंतिम दिन शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों ने मंच और खेल मैदान पर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। विद्यार्थियों के पालकों ने शाला में उपस्थित रहकर बच्चों का मनोबल बढ़ाया। वार्षिक उत्सव में स्थानीय जन-प्रतिनिधि और शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। वार्षिक उत्सव की खास बात यह थी कि विभिन्न अंचलों में शासकीय विद्यालयों में स्थानीय परिवेश के अनुरूप सांस्कृतिक एवं खेल-कूद की प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। प्रतिभा पर्व के पहले दो दिन शासकीय शालाओं में बच्चों की पढ़ाई के स्तर का मूल्यांकन किया गया। संकल्प से शाला सिद्धि कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा 15 हजार से अधिक शालाओं को शैक्षिक रूप से गुणवत्ता के मामले में सुधार के लिए गोद लिया गया था। छात्रों की विषय संबंधित दक्षताओं के ऑकलन के लिए विषय-वस्तु आधारित प्रश्नों को रोचक तरीके से तैयार किया गया था। बच्चों द्वारा दिये गए जवाब को ओएमआर शीट पर दर्ज किया गया, अब इनका विश्लेषण किया जाएगा। राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रतिभा पर्व और वार्षिक उत्सव के लिए प्रत्येक सरकारी स्कूल को 3 हजार रुपये के मान से राशि उपलब्ध करवाई थी। यह राशि शाला प्रबंधन समिति के खाते में जमा करवाई गई है।