गुरुवार को फिर जब्त हुआ एक हजार क्विंटल से ज्यादा गेहूं
सिटी सिटी रिपोर्टर
भोपाल, 8 दिसम्बर। पीडीएस राशन घोटाले में करोंद मंडी के चार गोदामों में अब तक मिले करीब दो हजार क्विंटल सरकारी गेहूं और चावल जब्त होने के बाद कई नए खुलासे हुए है। जांच में पता चला है कि यह व्यापारी सरकारी गेहूं को पड़ोसी राज्यों की आटा मिलों में सप्लाई करते थे। जिससे इन्हें खासा मुनाफा होता था। पिछले चार सालों से चल रहे इस फर्जीवाड़े को लेकर मंडी प्रशासन और खाद्य विभाग भी शक के घेरे में हैं।
इसमें मंडी प्रबंधन जांच के नाम पर छोटे व्यापारियों के गोदामों की जांच करता था, जबकि हेरफेर करने वाले व्यापारियों के गोदामों की कभी भी जांच नहीं की गई है। इधर मदरसों में बिना सूचना दिए सरकारी गेहूं आवंटन करने के मामले में खाद्य विभाग के अफसर भी शक के घेरे में आ गए हैं, जबकि कलेक्टर डॉ सुदाम खाडे ने इसकी जांच खुद खाद्य विभाग को सौंपी है। मालूम हो कि सरकारी सप्लाई के इस गेहूं को बेचे जाने का यह खेल सालों से चल रहा है। नागरिक आपूर्ति निगम, ट्रांसपोर्टर, सहकारी समितियां और व्यापारी, खाद्य विभाग और मंडी प्रशासन मिलकर यह कालाबाजारी करते हैं। गरीबों, मदरसों और विकलांगों की संस्थाओं को सप्लाई होने वाला यह गेहूं, चावल अधिकारियों की मिलीभगत से निजी गोदामों में आ जाता है।
यहां से इस गेहूं को आटा बनाने वाले उद्योगों को बेचा जाता है, जिससे इस सरकारी गेहूं की बाद में पहचान नहीं हो पाती। खेदजनक बात यह है कि पिछले चार दिनों के दौरान छह गोदामों में सरकारी खाद्यान्न मिलने के बाद भी सरकार ने अब तक मंडी सचिव विनय पटेरिया और जिला आपूर्ति नियंत्रक ज्योति शाह नरवरिया पर कार्रवाई नहीं की है।
गुरुवार को भी जब्त हुआ गेहूं
मामले में प्रशासन की कार्रवाई चौथे दिन गुरुवार को भी जारी रही। खाद्य विभाग की टीम ने करोंद मंडी में जीएम ट्रेडर्स और जैब इंटर प्राइजेज के गोदामों के ताले तोड़कर जांच शुरू की। इन गोदामों में करीब 11 सौ क्विंटल सरकारी गेहूं मिला है। खाद्य विभाग की टीम ने गेहूं जब्त कर लिया है। गोदामों में 12 सहकारी समितियों की बोरियां और टैग मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। यह गेहूं भोपाल और रायसेन जिले की सहकारी समितियों का है। खाद्य विभाग की टीम ने जब्त गेहूं की तुलवाई शुरू कर दी है। जीएम ट्रेडर्स के संचालक मोहम्मद अल्ताफ और जैब इंटर प्राइजेज की संचालक तमन्ना पर केस दर्ज किया है। जांच के बाद दोनों व्यापारियों पर एफआईआर कराई जाएगी।
कचरे में मिले सील लगे टेग
टीम को जांच के दौरान सोसायटियों के सील लगे टैग कचरे में मिले। इन टैग में रायसेन, रापडिय़ा, अमझरा, मिसरोद, हिनोतिया सहित अन्य सोसाटियों के नाम की सील लगी थी। इससे यह तो साफ होता है कि इन सोसाटियों के माध्यम से यह गेहूं गोदामों में आया है। टीम ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अब तक दो हजार क्विंटल से अधिक गेहूं और चावल जब्त किया गया है। जिला प्रशासन की टीम 4 दिसंबर से कार्रवाई में जुटी है। पहले दिन विक्की टे:डर्स के यहां छापा मारा था। यहां से 888 क्विंटल सरकारी गेहूं जब्त हुआ था। इसके बाद से लगातार कार्रवाई चल रही है। रोजाना की कार्रवाई में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। दूसरे दिन भी कई गोदामों की जांच हुई थी, जिसमें सरकारी गेहूं और चावल बोरियों में भरा मिला था।
इनका कहना है
कल्याणकारी संस्थाओं को गेहूं आवंटन के बारे में जानकारी नहीं देने पर खाद्य विभाग से जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद अफसरों पर कार्रवाई करेंगे। इसके लिए नोटिस दिया जा रहा है।