डीए भी अभी रुकेगा, रोजगार बढ़ाने वाले काम हाथ में लिए जाएंगे
रायपुर। लगभग डेढ़ माह के कोरोना लाॅकडाउन की वजह से भूपेश बघेल सरकार ने अगले दो क्वार्टर यानी 6 माह के कामकाज का रोडमैप तैयार कर लिया है, ताकि आम लोगों ही नहीं बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति भी कमजोर न हो। सरकार ने 1 लाख करोड़ के नए बजट के खर्च में कंजूसी बरतते हुए सिर्फ ऐसे काम करने का फैसला किया है, जिससे रोजगार जेनरेट होने वाला है। यानी लोगों का आर्थिक संकट दूर करने पूंजीगत व्यय बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसका मतलब ये है कि अगले छह महीने तक निर्माण के ज्यादा से ज्यादा काम शुरू होंगे, ताकि लोगों को रोजगार मिलता रहे। अधिकारियों के मुताबिक लोग भूखे न रहें, इसलिए पिछले एक माह की प्राथमिकता लोगों को राशन उपलब्ध कराने की थी। अब लाॅकडाउन के बाद भी उन्हें दिक्कत न हो, इसलिए सरकार ने रोजगार के काम पर फोकस किया है। इसीलिए सरकार आने वाले दिनों में मनरेगा समेत ज्यादा से ज्यादा निर्माण के काम शुरू करेगी। पुल-पुलिया, सड़कें व नहर आदि के अलावा नए काम शुरू किए जाएंगे। नया आर्थिक बोझ न आए इसलिए फिलहाल नई भर्तियां नहीं की जाएंगी। जिन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, सिर्फ उन्हें ही जारी रखा जाएगा। एंटी नक्सल ऑपरेशन को मजबूत बनाने के लिए पुलिस जवानों की भर्तियां जारी रखी जाएंगी। वहीं केंद्र की तरह ही राज्य सरकार भी इस साल सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ाने का फैसला टाल देगी। गर्मी में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए भी जरूरत के मुताबिक राशि खर्च की जाएगी। 50 करोड़ रुपए में प्लेन अभी नहीं खरीदेंगे: कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए लॉकडाउन में लगभग सारे काम बंद हो गए हैं। शहरों में काम करने आए मजदूर गांव लौट चुके हैं या फंसे हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए आर्थिक संकट दूर करने के लिए सरकार ने पूंजीगत व्यय बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इससे बाजार में भी खरीदी-बिक्री शुरू होगी और आर्थिक स्थिति को फिर से पटरी पर लाया जाएगा। राज्य के नए स्टेट प्लेन की खरीदी के लिए बजट में 50 करोड़ रुपए रखे गए थे। लेकिन इसे भी स्थगित करने की तैयारी है। डीए नहीं बढ़ाएंगे, 2 हजार करोड़ बचेंगे: केंद्र की तरह ही राज्य सरकार भी इस साल सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए डीए बढ़ाने का फैसला टाल देगी। केंद्र सरकार ने पहले ही 2021 तक के लिए डीए वृद्धि का फैसला टाल दिया है। इसके बाद राज्य सरकार नियमित कर्मचारी व पेंशनर की डीए वृद्धि स्थगित कर करीब दो हजार करोड़ बचाएगी। शिक्षकों की भर्ती इस साल नहीं होगी। कॉलेजों के असिस्टेंट प्रोफेसर के नए पदों पर भी भर्ती जारी नहीं की जाएगी। जहां अतिरिक्त शिक्षक हैं, उनसे काम कराया जाएगा।अगले आदेश तक आरक्षक भर्ती परीक्षा रद्द: पहला कदम उठाते हुए पुलिस मुख्यालय ने आरक्षक भर्ती परीक्षा के अंतर्गत शारीरिक दक्षता परीक्षा आगामी आदेश कर स्थगित कर दिया है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने कोराेना संक्रमण की स्थिति के मद्देनजर शारीरिक दक्षता परीक्षा स्थगित करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि लिखित परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा एक मई से होनी थी। अधिकारियों ने बताया कि नई तारीख तय होने के बाद अभ्यर्थियों को सूचना दी जाएगी।वित्तीय मैनेजमेंट पर फोकस : प्रदेश के वित्तीय सलाहकारों ने फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए भी सुझाव दिए हैं। साल 2020-21 के लिए एक लाख करोड़ का बजट मंजूर किया गया है। इसके मुताबिक पहली और दूसरी तिमाही में निर्धारित राशि से कम खर्च किए जाएंगे। पहली तिमाही के 25% के बजाय 15% खर्च किए जाएगा। इसी तरह दूसरी तिमाही में खर्चों में कटौती कर तीसरी तिमाही में इस्तेमाल किया जाएगा। सरकारी दफ्तरों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए जाएंगे। 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भी विचार किया जा रहा है।
लाॅकडाउन में थोड़ी ढील से भीड़ बढ़ने और इससे कोरोना का खतरा बढ़ने की आशंका से अलर्ट राज्य शासन ने अगले 3 माह के लिए कोरोना से बचाव का रोडमैप तैयार कर लिया है। इसमें राज्य के अलग-अलग अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करने का इंतजाम 3 मई से पहले करने की तैयारी में है। एम्स के 500 और माना में 100 बिस्तरों का अस्पताल तैयार है। अंबेडकर अस्पताल में 500 बिस्तरों वाला कोरोना अस्पताल की तैयारी चल रही है। सब मिलाकर प्रदेशभर में लाॅकडाउन खुलने से पहले कोरोना के इलाज के लिए 5600 बेड तैयार करने में शासन जुट गया है। इसके अलावा, ज्यादा से ज्यादा लोगों को जांच के दायरे में लाने के लिए अगले तीन माह तक सर्दी-बुखार से गंभीर रूप से पीड़ित लोगों के सैंपल भी लिए जाएंगे, जिसकी शुरुआत गुरुवार से ही कर दी गई है। प्रदेश में पिछले छह दिनों में कोरोना के नए मरीज नहीं आए हैं। एम्स में दाे मरीजाें काे स्वस्थ हाेने के बाद शुक्रवार की सुबह छुट्टी दी जाएगी। अब सिर्फ 6 मरीजों का इलाज चलेगा। दूसरी ओर सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों की सैंपलिंग होने से जांच की संख्या बढ़ गई है। 910 सैंपलों की रिपोर्ट में सभी निगेटिव रहे। जबकि 1104 सैंपलों की जांच चल रही है। इसमें कटघोरा के अलावा दूसरे जिलों के सैंपल भी शामिल हैं। एम्स में 557, नेहरू मेडिकल कॉलेज में 308 व जगदलपुर में 239 सैंपलों की जांच चल रही है। जबकि एम्स में अभी तक 7981, मेडिकल कॉलेज रायपुर में 1312 व जगदलपुर में 1053 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
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