भोपाल, 9 दिसंबर। प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष के निधन के बाद संपदा संचालनालय द्वारा उनके निवास बी-11, 74 बंगले को शासन ने खाली करवा लिया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि चंबल के कटार से भी तेज कांग्रेस नेता के निधन के बाद जनता ने उनके पुत्र को हाथों-हाथ लेते हुए विजय पताका थमायी थी। अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए पुत्र भी राजनीति के तेज-तर्रार युवा विधायकों की श्रेणी में शामिल हैं। हाल ही में विधानसभा में कई मुद्दों पर उन्होंने मुख्यमंत्री सहित सत्ता पक्ष को घेरा था, लेकिन जिसकी लाठी उसकी भैंस की तरह अगले दिन ही शासन की ओर से बेदखली का नोटिस आ गया। इतना ही नहीं पिता के निधन के बाद उनके पुत्र को जबरन शासकीय आवास पर अनाधिकृत कब्जे के चलते लाखों रूपए का अर्थदण्ड भी भरना पड़ेगा। युवा कांगे्रस नेता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शासकीय आवास खाली नहीं कराने का आवेदन भी दिया, लेकिन उसे मान्य नहीं किया गया। इसके बाद युवा नेताजी कह रहे हैं शासन का हाथ, केवल अपनों के ही साथ।