आईएएस प्रमोशन के मामले में 4 राज्यों से पिछड़ा मप्र

1987 बैच के 9 आईएएस अधिकारी शामिल
आरती शर्मा
भोपाल, 9 दिसंबर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी प्रशासनिक पकड़ और गुड गवर्नेंस के लिए जाने जाते हैं। उनकी इस कदमताल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसरों की टीम शामिल है, जिससे प्रदेश के हर व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ समुचित और सुनियोजित ढंग से पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने और उनके सफल क्रियान्वयन में यह आईएएस अधिकारी महती भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन देखा जाए तो दिन-रात अथक मेहनत करने में लगे इन अधिकारियों को उनकी मेहनत का श्रेय नहीं मिल पा रहा है। पड़ोसी राज्यों की तुलना की जाए तो यहां अधिकारियों को मिलने वाला प्रमोशन लंबे समय से पेंडिंग है। बीमारू राज्यों की पिछड़ी लिस्ट से तो प्रदेश बाहर आ गया, लेकिन चुस्त प्रशासन में हम अभी भी ढीले हैं। बात कर रहे हैं वर्ष 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के उन 9 अधिकारियों की, जिन्हें अब तक अपर मुख्य सचिव स्तर का प्रमोशन मिल जाना चाहिए था, लेकिन वह अभी भी प्रमुख सचिव के पद पर पदस्थ हैं। उनके साथ के राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और कर्नाटक के 87 बैच के अधिकारी अपर मुख्य सचिव पद पर पदोन्नत हो चुके हैं। हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार के 87 बैच के आईएएस अधिकारी आरपी मंडल, बीबीआर सुब्रहमण्यम और सीके खेतान को अपर मुख्य सचिव पदोन्नत किया गया है। अब इनके प्रमोशन के बाद प्रदेश में भी यह सुगबुगाहट जोर पकड़ रही है कि वर्ष 1987 बैच के अधिकारियों का नम्बर कब आएगा? प्रदेश सरकार के वर्ष 1987 बैच के इन 9 अधिकारियों में से 5 केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, लेकिन प्रदेश में मौजूद अधिकारियों के समक्ष सभी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव द्वारा उन्हें सौंपी गई हैं। इनमें प्रशासनिक लॉबी के सबसे लोकप्रिय अफसर मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर और संस्कृति विभाग की सफलतम कमान संभाल रहे हैं तो वहीं गौरी सिंह स्वास्थ्य विभाग को बखूबी संभाल रही हैं। श्रीमती गौरी सिंह आईएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं। शिखा दुबे आयुष विभाग की प्रमुख सचिव हैं तो एम मोहन राव राज्यपाल के प्रमुख सचिव के तौर पर राजभवन में पदस्थ हैं।
प्रदेश में सिर्फ 1987 के ही अधिकारी प्रमोशन की राह नहीं तक रहे हैं। वर्ष 1986 बैच की सलीना सिंह का पदोन्नत प्रकरण भी अटका हुआ है। मुख्य सचिव के तौर पर बीपी सिंह का काम काबिलेतारीफ है, लेकिन अधिकारियों के प्रमोशन के मामले में हो रही देरी उनसे कई सवाल करती है। यहां बताना जरूरी है कि वर्ष 2001 और 2002 के आईएएस अधिकारियों का भी सचिव स्तर पर प्रमोशन होना बाकी है। इनकी डीपीसी इसी माह होनी है, लेकिन प्रमोशन को लेकर स्थिति संशयपूर्ण बनी हुई है।
वर्ष 1987 बैच के अधिकारी
मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर एवं संस्कृति
मनोज झालानी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
शिखा दुबे, प्रमुख सचिव, आयुष विभाग
प्रवीर कृष्णा, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
संजय सिंह, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
राजेश चतुर्वेदी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
अजय र्तिकी, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति
एम मोहन राव, प्रमुख सचिव, राज्यपाल
गौरी सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा विभाग