मामला पीडीएस राशन घोटाले का, रोज नए खुलासे
मंडी प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध

भोपाल 10 दिसंबर। पीडीएस राशन की अफरातफरी के मामले में अब मंडी प्रशासन भी जांच के घेरे में आगया है। कवर्ड कैंपस में लगने वाली आधुनिक गल्ला मंडी में को क्या कर रहा है इससे मंडी प्रशासन अनजान है। शनिवार को मंडी पहुंची जिला प्रशासन की टीम को बारदाने का गोदाम मिलाए जिसमें करीब बीस हजार सरकारी अनाज की खाली बोरियां मिली हैं। गोदाम संचालक का दावा है कि यहां प्रति माह बीस हजार बोरियां व्यापारियों के यहां से बिकने आती हैं, इस लिहाज से मंडी में महीने में करीब दस हजार क्विंटल सरकारी अनाज की सप्लाई की जा रही है।
जिला प्रशासन की कार्रवाई शनिवार को छठवें दिन भी जारी रही। मंडी परिसर में करीब साढ़े तीन सौ गोदाम हैं। परिसर में अनाज का कारोबार करने वाले कई व्यापारियों की शिकायत सरकारी गेहूं का व्यापार करने के संबंध में खाद्य विभाग को मिली है। जिसके बाद दोपहर में जिला प्रशासन की तीन टीमें मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। नायब तहसीलदार गोविंदपुरा सुधाकर तिवारी की टीम मंडी दफ्तर के सामने रतन ट्रेडर्स के यहां पहुंचीए जहां जांच के दौरान करीब बीस हजार बोरियां मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन की मिली हैं।
गोदाम संचालक देवेंद्र धाकड़ ने बताया कि गोदाम में करीब बीस हजार बोरियां बिकने आती हैं, जिन्हें मार्केट में सप्लाई किया जाता है। यह गोदाम मनीष जैन के नाम से आवंटित है। जबकि यहां बारदाने बेचने और खरीदने की अनुमति भी नहीं ली गई है। व्यापारियों द्वारा सरकारी अनाज की बोरियां बेचने की वजह से गोदाम को सील कर दिया गया है।
इधर देर रात तक टीमों ने करीब एक दर्जन गोदामों की जांच कीए जहां सरकारी खाद्यान्न नहीं मिला है।

व्यापारियों में हड़कंप
पिछले छह दिनों से मंडी के गोदामों की जांच होने की वजह से मंडी के व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जिसकी वजह से मंडी के गोदामों में हलचल बढ़ गई है। यहां अचानक हम्मालों की डिमांड बढ़ गई है। गोदामों में गेहूं और चावल की अलटा-पलटी जारी है। जिन व्यापारियों के यहां सरकारी बोरियां हैं, वह उन्हें हटाने में जुटे हुए हैं।
खंगाले जाएंगे सीसीटीवी फुटेज
अनाज व्यापारियों में सरकारी गेहंू, चावल मिलने के बाद अब जिला प्रशासन मंडी गेट पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज से यह पता चल जाएगा कि किन-किन वाहनों से सरकारी अनाज मंडी मेंं पहुंचा है, किन-किन वाहनों से निकासी हुई है। सीसीटीवी देखने के बाद जांच कर ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई की जाएगी, जो सरकारी गेहूं, चावल को मंडी में लाते थे।
सभी गोदामों की होगी जांच
कलेक्टर डॉ सुदाम खाडे ने खाद्य विभाग के अफसरों को मंडी परिसर के सभी गोदामों की जांच की हिदायत दी है। जिसके तहत रोजाना तीन टीमें जांच में जुटी हुई हैं। जिला प्रशासन की इस कार्रवाई से मंडी प्रशासन में भी हड़कंप मचा हुआ है। मंडी सचिव विनय पटेरिया की मिलीभगत को लेकर व्यापारी भी अब लामबंद होते नजर आ रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि मंडी प्रशासन की शह पर ही सरकारी राशन का कारोबार चल रहा था।
खाद्य अफसरों की भूमिका जांचेंगे
मंडी में सरकारी गेहूं की कालाबाजारी करने वाले अनाज व्यापारियों पर आज भी कार्यवाही जारी है। सरकारी अनाज के कारोबार में मदद करने वाले सभी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। मंडी प्रशासन और खाद्य विभाग के अफसरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
डॉ सुदाम खाडे, कलेक्टर