बेनामी जमीनों का खुलासा करने कलेक्टर की मुहिम
कलेक्टर सुदाम खाड़े ने दिए हैं निर्देश
साकिब कबीर
भोपाल, 12 दिसंबर। राजधानी में बेनामी संपत्ति रखना अब आसान नहीं होगा, ऐसी संपत्ति का खुलासा करने के लिए जमीनों के खसरे से आधार नंबर को लिंक करने का काम शुरू हो गया है। कलेक्टर सुदाम खाडे के निर्देश के बाद अब तक करीब चार हजार से ज्यादा खसरों को आधार से लिंक कर दिया गया है। कलेक्टर ने इसके लिए तीन महीने का वक्त दिया है। राजधानी में करीब तीन लाख जमीनों के खसरों को आधार नंबर से लिंक किया जाना है।
दरअसल सरकार बेनामी संपत्ति का खुलासा करने लिए जमीन के खसरों से आधार को लिंक करना चाहती है। इसके लिए रजिस्ट्री और खसरों से आधार लिंक करने का काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल खसरे आधार से लिंक नहीं हैं। जिससे किस व्यक्ति के नाम कितनी प्रापर्टी है, इसके बारे में पता नहीं चल पा रहा है। इसको देखते हुए खसरों को भी आधार से लिंक करने का काम शुरू कर दिया गया है। पिछले दो महीने के दौरान अब तक करीब चार हजार खसरों को आधार से लिंक कर दिया गया है।
नक्शों में भी दर्ज करें बंटान
खसरों में दर्ज 30 हजार से अधिक बंटानें नक्शों में दर्ज नहीं हो पा रही हैं। जिसको देखते हुए 31 मार्च तक काम निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। कम्प्यूटराइज्ड नक्शों में भी बंटानें उठाई जा रही हैं, जिससे नक्शों की नकल बांटने में दिक्कत न हो।
मोबाइल नंबर भी होगा दर्ज
राजस्व रिकार्ड में किसानों के पते के साथ मोबाइल नंबर भी दर्ज किए जाएंगे, जिससे किसानों से संपर्क करने में आसानी होगी। वर्तमान में खातों में पता तक दर्ज नहीं है, जिसकी वजह से किसानों से संपर्क करने में दिक्कत हो रही है। इसको देखते हुए पटवारियों ने पता, आधार और मोबाइल नंबर दर्ज करने का काम शुरू कर दिया है।
ये चीजें हैं आधार से लिंक
बैंक अकाउंट, रसोई गैस सब्सिडी, स्कूल में दाखिला, वाहन रजिस्ट्रेशन, पासपोर्ट, एफआईआर व प्रतियोगी परीक्षाओं में अनिवार्य किया गया है। रजिस्ट्री, मोबाइल और खसरों में आधार लिंक करने का काम चल रहा है।
मार्च तक होंगे आधार लिंक
जमीनों के खसरों से आधार नंबर को लिंक किया जाना है। इसके लिए सभी तहसीलदार और पटवारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिए गए हैं। मार्च तक लिंककिंग का काम पूरा करने की हिदायत दी गई है।