भोपाल। राजधानी में चायना डोर (चायनीज मांझा) धड़ल्ले से बिक रही है। थोक व फुटकर विक्रेता दुकानों में छुपा कर चायना डोर रखते हैं ताकि प्रशासन की नजर न पड़े। जब लोग मांग करते हैं, तो व्यवसायी दुकान से निकाल कर दे देते हैं। मकर संक्रांति पर्व के चलते शहर के अलग-अलग इलाकों में लगने वाली अस्थाई दुकानों पर भी चायना डोर खूब बिकी। युवाओं व बच्चों ने पतंगबाजी की। हालांकि भोपाल में इस बार चायनीज मांझा से अप्रिय घटना का मामला अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन इससे पहले शहर की वीआइपी रोड, बागसेवनिया, कोलार, तलैया, भेल सहित अन्य इलाकों में वाहन चालकों के गले में मांझा फंसने की घटनाएं हो चुकी हैं। उज्जैन में शनिवार को मकर संक्रांति के दिन चायना डोर गले में फंसने से 18 साल की युवती नेहा आंजना की मौत हो गई। इसके बाद से राजधानी सहित प्रदेश भर में बिकने वाली चायना डोर की बिक्री पर सवाल उठने लगे हैं कि जब चायना डोर की बिक्री पर प्रतिबंध लगा है तो फिर कैसे बिक्री हो रही है? राजधानी के लक्ष्मी टाकीज, पीरगेट, संत हिरदाराम नगर में पतंगों की 30 बड़ी थोक की दुकानें हैं। वहीं न्यू मार्केट, कोलार, भेल सहित अलग-अलग इलाकों में मकर संक्रांति से चार दिन पहले से कई दुकानें लगती हैं।