भाजपा में बढ़ती जा रही अंदरूनी गुटबाजी
मध्यप्रदेश की राजनीतिक डायरी
(सत्य नारायण पाठक)
भोपाल, 14 दिसंबर। शिवपुरी जिले के कोलारस में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अभी से जमावट शुरू कर दी है। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं किया है। इसके बाद भी दावेदार सक्रिय हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 12 सालों के विकास कार्यों का प्रचार-प्रसार कर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोलारस की जनता को भरोसा दिलाया है कि पिछले 14 साल में कांग्रेस के विधायक ने जो विकास कार्य नहीं किए हैं, उन्हें वे अगले 6 महीने में पूरा कर देंगे। नागौद में उन्होंने किसानों के हित में 18 करोड़ रूपए की जल परियोजना को शुरू करने की बात कही है। लेखापुर में 31 करोड़ रूपए के विकास कार्य कराए जाने की घोषणा की है। भाजपा की ओर से कोलारस विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा सेक्टर व बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रहे हैं। जिन पोलिंग बूथ पर अभी भाजपा की स्थिति कमजोर है, उन क्षेत्रों पर पार्टी विशेष ध्यान दे रही है। इसके अलावा कोलारस में पंचायत स्तर पर हितग्राही सम्मेलन भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा सके। भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव जीतने का दंभ भर रही है। इसी के साथ पार्टी के स्थानीय नेताओं में प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी भी देखने को मिल रही है, टिकिट दावेदारी कर रहे नेता एक-दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी भी बढ़ती जा रही है। वहीं कांग्रेस ने भी बूथ स्तर तक फोकस किया हुआ है। बूथ स्तर पर बैठकें कर पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोलारस और मुंगावली में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस की ओर से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
यह हैं भाजपा के दावेदार
कोलारस विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र रघुवंशी और देवेन्द्र जैन को मुख्य दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा अगर पार्टी में कोलारस उपचुनाव टिकिट को लेकर मतभेद सामने आए तो पार्टी एक बार फिर पूर्व विधायक ओमप्रकाश खटीक को टिकिट देकर मामले का निपटारा कर सकती है। इसके अलावा रामस्वरूप रिझारी, कल्याण सिंह यादव बांसखेड़ा, प्रवीण जैन, सुशील रघुवंशी भी टिकिट की दावेदारी कर रहे हैं।
कांग्रेस से यह कर रहे दावेदारी
कांग्रेस पूर्ण रूप से सहानुभूति की लहर पर आंखें टिकाकर बैठी है, यहां से प्रबल दावेदार के रूप में महेन्द्र यादव या श्रीमती मुनिया यादव को टिकिट दिया जा सकता है। जनता का रूख भी कांग्रेस के प्रति अभी स्पष्ट नहीं है। विधायक स्व. रामसिंह यादव के आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार में ऐसे किसी प्रबल राजनीतिक रणनीतिकार की मौजूदगी नहीं देखी गई लेकिन प्रथम दृष्टया चुनावी टिकिट सहानूभूति के आधार पर ही महेंद्र यादव या श्रीमती मुनिया यादव को मिलना लगभग तय बताया जा रहा है। इनके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता बैजनाथ सिंह यादव जिनकी पत्नी अभी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और पुत्र रामवीर सिंह यादव बदरवास जनपद उपाध्यक्ष है, इन पर कांग्रेस दांव लगा सकती है। 15 वर्ष से कोलारस नगर परिषद पर काबिज रवीन्द्र शिवहरे को भी विधायक टिकिट के प्रवल दावेदारों में सबसे अहम माना जा रहा है।