25 रूपए में भूख मिटाओ, 18 रूपए में करो पेट्रोलिंग !

नहीं बढ़ाया जायेगा पुलिसकर्मियों का पौष्टिक आहार भत्ता, सरकार ने प्रस्ताव को किया स्थगित
मुल्जिम और पुलिसकर्मियों के लिए भोजन की एक जैसी रकम

खास खबर
ऋषिकांत सिंह (रजत) परिहार
मो.:-09425002527

जिन पुलिसकर्मियों के कंधों पर प्रदेश की कानून व सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने की अहम जिम्मेदारी होती है। ऐसे पुलिसकर्मियों के साथ भत्ता देने के नाम पर कई वर्षों से शोषण किया जा रहा है। प्रदेश में आज भी वही वर्षों पुरानी व्यवस्था लागू है और नाम मात्र का भत्ता सरकार पुलिसकर्मियों को दे रही है। जबकि यह वहीं कर्मठ पुलिस कर्मी है , जिन्हें ड्यूटी के समय न तो दिन का पता रहता है और न ही रात का। बावजूद इन्हें अपनी भूख मिटाने के लिए एक टाइम 25 रूपए मिलते है। आश्चर्य की बात तो यह है कि अगर किसी अपराधी को पकडऩे या फिर पेट्रोलिंग के लिए अपने दो पहिया वाहन से जाता है तो उसे सरकारी रिकार्ड के अनुसार आज साईकल के भरोसे हैं। जिसके बदले उसे 18 रूपए दिए जाते है। एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्मार्ट पुलिसिंग , महिला अपराधों के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाये रखने के लगातार निर्देश दे रहे है। लेकिन मुख्यमंत्री को पुलिस कर्मियों का भत्ता बढ़ाने पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सितंबर 2021 में जरूर पुलिसकर्मियों के बच्चे को मिलने वाली ट्यूशन फीस के भत्ते को लेकर बड़ा बदलाव किया था। जिसे लेकर पुलिस मुख्यालय की कल्याण शाखा द्वारा प्रदेश के सभी पुलिस इकाइयों को निर्देश जारी कर दिए गए थे। बताते है कि ड्यूटी के दौरान भूख मिटाने के लिए पुलिसकर्मियों को महज 25 रुपये दिये जाते हैं। यहां पर सोचने योग्य बात यह है कि थाने में बंद मुल्जिम और पुलिस कर्मियों को भोजन के लिए एक जैसी रकम दी जाती है। ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मियों के खाने के लिए कुल 70 रुपये मिलते है , इनमेंं 20 रुपये का नाश्ता और 25-25 रुपये का दो बार का खाना शामिल है। इतनी कम रकम में पुलिस कर्मियों को अपनी ड्यूटी 24 घंटे करनी पड़ती है। इतनी ही रकम का खाना थाने की लॉकअप में बंद मुल्जिमों को भी दिया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने पुलिस कर्मियों का भत्ता बढ़ाने का एक प्रस्ताव सरकार को भेजा था। जिसे सरकार ने फिलहाल स्थगित कर दिया है। जानकारी के अनुसार पुलिस कर्मियों के अन्य भत्तों की बात करें तो सिपाही से इंस्पेक्टर तक को 18 रुपये विशेष पुलिस भत्ता दिया जाता है। इसकी शुरुआत 1978 में कानून व्यवस्था ड्यूटी के दौरान हुई थी। तब से अब तक इतना ही भत्ता दिया जा रहा है। ऐसे ही पुलिसकर्मियों को राइफल भत्ते के तौर पर पहले 10 रुपये दिये जाते थे, इसकी शुरुआत तब हुई थी जब उनका वेतन 50 रुपये से भी कम था। बाद में इसे बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया। इसके बाद एक बार फिर पुलिस विभाग में विसबल के आरक्षक व प्रधान आरक्षक को रायफल भत्ता 20 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 30 रुपये प्रतिमाह किया गया है। जो वर्तमान में बंद कर दिया गया है। इसी तरह वर्दी भत्ता भी अब साल में एक बार 2400 रुपए दिए जाने के नए आदेश हुए है। जिसमें पुलिस कर्मी को जूते,मौजे ,बेल्ट, कपडा ,बैच , टोपी सहित अन्य चीजे स्वयं खरीदना है।

एक नजर में भत्ता
भत्ता राशि
भोजन भत्ता 25-25 रु दो बार
नाश्ता 20 रु
राइफल भत्ता बंद कर दिया
विशेष पुलिस भत्ता 18 रु
साइकिल भत्ता 18 रु
आवास भत्ता 400 रु
वर्दी भत्ता 2400 रु (प्रति वर्ष)
2013 में बढ़ाया था 5 रूपए भत्ता
2013 में सरकार ने नाश्ते व भोजन में सिर्फ 5 रुपए की बढ़ोतरी की थी। उस समय पुलिसकर्मियों को नाश्ते पर 15 रुपए व भोजन पर 45 रुपए मिलते थे। सरकार ने आदेश में संशोधन कर नाश्ते पर 15 से बढ़ाकर 20 व भोजन पर 45 से बढ़ाकर 50 रुपए किए हैं। सरकार ने आदेश में सिर्फ भोजन व नाश्ते पर ही बढ़ोतरी की है। बाकी नियम व शर्त यथावत रखी थी। थाने में आरक्षक व प्रधान आरक्षकों को गश्त व डाक ले जाने के लिए 18 रुपए साइकिल खर्च के मान से पेट्रोल खर्च दिया जाता है। जबकि एसआई, एएसआई को जांच के लिए खुद की गाड़ी में स्वयं के पैसे का पेट्रोल फूंकना पड़ता है। यह भत्ता भी वेतन के साथ ही जुडक़र आता है।