मध्यप्रदेश में सिंधिया की हर बात चलेगी, मुख्य सचिव की कुर्सी गृहराज्य के नौकरशाह को मिलेगी

विशेष रिपोर्ट-नई दिल्ली: विजय कुमार दास मो. 9617565371
मध्यप्रदेश के प्रशासन में लगातार लापरवाही की सूचनाओं चलते के चलतें नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के पास प्रधानमंत्री साउथ ब्लाक का कार्यालय आजकल पूरी गंभीरता के साथ सक्रिय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने निर्णय लिया है कि 2023 का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए यदि कड़वे फैसले भी करने पड़े तो वे पीछे नहीं रहेंगे। इसी के चलते यह भी तय किया गया है कि 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यप्रदेश के रास्ते से ही सरकार बनायेंगे। हांलाकि ऐसी अवधारणा उत्तरप्रदेश को लेकर ही सुर्खियों में लिखी जाती रही है। परंतु अब ऐसा नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह दोनों ने मिलकर जिस कार्ययोजना पर काम करने का निर्णय लिया है उसके अनुसार मध्यपद्रेश की 29 लोकसभा सीट जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की छिंदवाड़ा लोकसभा भी शामिल है,सभी सीटों पर जीत हासिल करना एक महान लक्ष्य बन गया है। सूत्रों के अनुसार मोदी और शाह की जोड़ी ने यह भी तय किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के गृह क्षेत्र ग्वालियर से भी चुनाव लड़ सकते है। और यदि इस तरह का राजनैतिक तथा प्रशासनिक कोई बड़ा निर्णय लिया गया तो फिर सबसे पहले मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव की कुर्सी पर गृह राज्य के ही नौकरशाह की पदस्थापना से इंकार नहीं किया जा सकताक्योंकि अब ल्बे समय से मुख्यसचिव के चयन का अधिकार प्रधानमंत्री सचिवायल में लिया जाने लगा है। इसी वजह से गुजरात, उāाराखंड को मिलाकर चार राज्यों में प्रधानमंत्री सचिवालय से ही मुख्य सचिव का चयन किया गया और इसलिए यह लिखने में ना तो संकोच है और ना ही संदेह है कि मध्यप्रदेश में जो भी नया मुख्य सचिव बनेगा उसके चयन का निर्णय प्रधानमंत्री सचिवालय से ही किया जायेगा। और इस विषय पर गृह राज्य के ही नौकरशाह को सबसे पहले वरीयता के आधार पर मौका दिया जायेगा ऐसा तय हो चुका है, के निकटस्थ नौकरशाही के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है। और तो मप्र में चाहे मामला राजनैतिक हो या फिर प्रशासनिक मामले क्यों ना हो, चौंकाने वाला वाक्या यह है कि हर मामले में केंद्रीय मंत्री महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय भी अब महत्वपूर्ण हो गई है। इसी अवधारणा के चलते यदि वरीयता तथा गृह राज्य के नौकरशाह के आधार पर तथा प्रधानमंत्री की निकटतम प्रशासनिक शैली का भरोसा कायम होने की स्थिति का विश्लेषण करने से पता चलता है कि 1989 बैच के अनुराग जैन को सबसे पहले मौका दिया जा सकता है। और प्रधानमंत्री अनुराग जैन से सीधे कह सकते है कि जाओ ‘अनुराग मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव की कुर्सी को दो साल के लिए संभालों, 2024 लोकसभा चुनाव के बाद फिर तु्हें बुला लूंगा। यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मेन्डेट अनुराग जैन को मिल जायेगा तो अनुराग जैन किसी भी सूरत में प्रधानमंत्री को मना नहीं कर पायेंगे। और उन्हें प्रधानमंत्री सचिवालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव की कुर्सी पर बैठने से कोई नहीं रोक पायेगा। जहां तक सवाल है मुख्य सचिव के चयन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिधियां की सहमति का तो सूत्रों के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधियां ने एक लाईन की शपथ ली है जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विचारधारा और गृहमंत्री अमित शाह के हर आदेश उनके लिए शिरोधार्य है। दिल्ली से इस प्रतिनिधि की विशेष रिपोर्ट पूरे शबाब पर है और इसका लब्बोलुआब यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों यह मानते है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अंर्तविरोध और एंटीइनक्बेंसी फैक्टर को ज्योतिरादित्य सिंधिया ही समाप्त कर सकते है। इसलिए सिंधिया की ज्मिेदारियां बढ़ जाये और गृह राज्य के नौकरशाह अनुराग जैन को मध्यप्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाने का फरमान जारी तो चौकिएगा मत।