पोषण आहार-मच गया हाहाकार, शिवराज अकेले बचाव में उतरे…

विशेष रिपोर्ट: विजय कुमार दास (मो. 9617565371)
मध्यप्रदेश में महिला बाल विकास विभाग में हुए पोषण आहार घोटाले से हाहाकार मच गया है। विपक्ष द्वारा विधानसभा से लेकर सड़क पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घेरने के लिए ड्पर कांड, व्यापम घोटाला और उसके बाद अब 18 वर्षो की सरकार में पोषण आहार घोटाले को लेकर शिवराज सरकार मुश्किल में है। मध्यप्रदेश के महालेखागार ने अपनी रिपोर्ट में पूरे प्रदेश में आंगनबाडिय़ों तक गरीब बच्चों के लिए एवं गर्भवती महिलाओं के लिए पहुंचाए जाने वाले टनों में पोषण आहार में हुए घोटाले को अपनी जांच में पकड़ा है और यह जांच मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के सभी विरोधियों के हाथ लग गया है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय न्यूज चैनल एनडी टीवी ने जिस दिन मय दस्तावेज के मध्यप्रदेश सरकार के महिला बाल विकास विभाग में हुए पोषण आहार घोटाले का जिक्र करते हुए यह खुलासा किया कि पोषण आहार घोटाले के भ्रष्टाचार का आरोप किसी विपक्षी पार्टी ने नहीं लगाया है बल्कि यह कैग की रिपोर्ट में जांच के बाद आया है। तब नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी से लेकर मध्यप्रदेश की कांग्रेस पार्टी के सभी ट्वीटरबाज नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पीछे पड़ गये है। हालाकि 5 दिनों बाद पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अकेले ही विपक्ष के आरोपो को खारिज करने के लिए मैदान में उतरने की कोशिशे की है और कहा है कि महिला बाल विकास विभाग में पोषण आहार घोटाले से संबंधित जानकारियां एक प्रारंभिक रिपोर्ट है, इसका जवाब देने के बाद ही पता चलेगा कि सच्चाई क्या है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, शिवराज सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपो को लेकर विधानसभा में उन्हें घेरने के लिए तैयार हो या ना हो लेकिन उनका ट्वीटर वार जारी है। इस पूरे घटनाक्रम में चौंकाने वाला वाक्या यह है कि भारतीय जनता पार्टी का कोई बड़ा नेता मुख्यमंत्री के बचाव में अभी तक सामने नहीं आया है। इसके राजनैतिक मायने दिल्ली में निकाले जा रहे है। राष्ट्रीय हिन्दी मेल के इस प्रतिनिधि ने केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर से आज दूरभाष पर बात जरूर की थी लेकिन नरेन्द्र तोमर ने भी पोषण आहार घोटाले के मामले को लेकर कुछ भी बोलना उचित नहीं समझा और तो और केन्द्रीय मंत्री महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी पोषण आहार घोटाले मामले में राज्य सरकार के पक्ष में अथवा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पक्ष में कोई भी बयान जारी नहीं किया है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोāाम मिश्रा, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदāा शर्मा, कृषि मंत्री कमल पटेल, नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ऐसे नेता है जो हर मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को निशाना साधने में पीछे नहीं रहते, वे भी आज पोषण आहार घोटाले में खामोश है यह भी एक चौकाने वाला वाक्या है। समझा जाता है कि जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैग की प्रारंभिक रिपोर्ट बता रहे है, वह रिपोर्ट प्रारंभिक रिपोर्ट की बजाय संपूर्ण जांच रिपोर्ट है जिसे महिला बाल विकास के नौकरशाह लीपा पोती करने में लगे है। चूंकि यह महकमा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है इसलिए उनपर उंगलियां उठना लाजमी है। सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से किए गये इस बड़े घोटाले पर संज्ञान लेकर सुक्ष्मता से जांच करेंगे या फिर बचाव की मुद्रा में सुबह शाम विपक्ष के आरोपों का जवाब देेंते रहेगे। सूत्रों के अनुसार आज विधानसभा सत्र में पोषण आहार घोटाले को लेकर कांगे्रस के विधायक सरकार की नाक में दम करने की कोशिश जरूर करेंगे लेकिन सफलता उन्हें कितनी मिलती है, यह तो वक्त ही बतायेगा। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि कैग की रिपोर्ट में आये तथ्यों के आधार पर शिवराज सरकार विपक्ष के निशाने पर है। परंतु इन आरोपों से सरकार का बचाव करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फिलहाल अकेले है और विधानसभा का यह सत्र पोषण आहार के घोटालों के आरोपों के चलते-चलते हंगामा और हड़कंप से दो दिनों के अंदर समाप्त हो जाये तो चौकियेगा मत।