मध्यप्रदेश के नौकरशाहों का भारत सरकार नई दिल्ली में बड़ा जलवा..

एक जमाना था जब मध्यप्रदेश के नौकरशाहों को भारत सरकार में नियुक्तियों को लेकर बड़ा आकर्षण रहता था और तो और दो दर्जन से अधिक नौकरशाह हमेशा अपनी प्रतिनियुक्तियों के दौरान अत्यंत ही प्रभावशाली होते थे। और इसके फायदे मध्यप्रदेश सरकार को और जनता को केंद्रीय योजनाओं की प्राथमिकताओं के साथ हमेशा मिलता रहा है। लेकिन पिछले आठ दस साल के अंतराल में भारत सरकार में मध्यप्रदेश के नौकरशाहों की प्रतिनियुक्तियों को लेकर संख्या भले ही कम है लेकिन उनके प्रभावशाली पदों पर पदस्थ होने से आज भी मध्यप्रदेश राज्य को इसका बड़ा फायदा मिलता है और कई मामले ऐसे है जहां पर प्रधानमंत्री की विचारधारा के अनुरूप योजनाओं में मध्यप्रदेश अव्वल भी आता है और अवार्ड भी जीत जाता है। यह बात अलग है कि वर्तमान नौकरशाही का मध्यप्रदेश का समूह राज्य मंत्रालय से अपने प्रस्तावों को भेजने में कभी-कभी कोताही बरत जाता है। इसके चलते उतना फायदा नहीं मिलता जितना कि मध्यप्रदेश को मिलना चाहिए। परंतु यह सुकून का विषय है कि अभी भी एक दर्जन नौकरशाह मध्यप्रदेश काडर के ऐसे है जो भारत सरकार में नई दिल्ली में पदस्थ है और बेहद प्रभावशाली है। यदि हम शुरूआत करें प्रधानमंत्री के विश्वास पात्र 1989 बेच के मध्यप्रदेश के भावी मुख्यसचिव अनुराग जैन, सचिव कोयला विभाग अनिल कुमार जैन, सचिव इस्पात संजय कुमार सिंह, ग्रामीण विकास विभाग अतिरक्ति सचिव अजय तिर्की, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त सचिव आशीष उपाध्याय, एन.एच.ए.आई की अध्यक्ष अलका उपाध्याय, रक्षामंत्रालय में पदस्थ अतिरिक्त सचिव पंकज अग्रवाल, मध्यप्रदेश भवन के प्रभावशाली समन्वयक और आवासीय आयुक्त पंकज राग, विवेक अग्रवाल अतिरिक्त सचिव राजस्व, नीतेश व्यास भारत के निर्वाचन आयोग के अतिरिक्त सचिव, टेलीकॉम के बी.एल. कांताराव और उनकी श्रीमती नीलम शमी राव तथा युवा अधिकारियों में सी.वी. चक्रवती तथा विजय दत्ता नाम ऐसे है जिन्होंने मध्यप्रदेश का नाम बड़ा करने में अपना पूरा समर्पण दिखाया है। यूं कहा जाये कि दूसरे राज्यों के नौकरशाह मध्यप्रदेश के नौकरशाहों से जो दिल्ली में बैठे उनके प्रभावशाली जलवो से ईष्र्या भी करते है, लेकिन मध्यप्रदेश के लिए यह गर्व करने का विषय है कि मध्यप्रदेश के नौकरशाहों का जलवा दिल्ली में जबरदस्त है। और इसका फायदा…। खबरची