मुद्दे की खबर: संदीप नेपोलियन
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद बृजभूषण शरण सिंह की यह सूचना मध्यप्रदेश में होने वाले खेलो इंडिया यूथ के प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले सभी खिलाडिय़ों को चांैका दिया है। भारतीय कुश्ती संघ की सूचना के अनुसार पिछले एक वर्ष में महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में पाया गया है कि बहुत से पहलवान आज भी नशीले इन्जेक्शन का प्रयोग बड़ी मात्रा में कर रहे हैं। हालांकि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने मध्यप्रदेश का नाम लिये बगैर लिखा है कि चंडीगढ़, झारखण्ड, केरला, हरियाणा, दिल्ली इत्यादि राज्य में हुई कुश्ती प्रतियोगिताओं में इंजेक्शन की सिरिंज बहुतायत में शौचालय जैसी जगहों पर पाए गए। उन्होंने लिखा है कि भारतीय कुश्ती संघ ने फैसला लिया है कि ऐसी कुश्ती की प्रतियोगिताओं में अब कुछ अंजान अधिकारी ऐसी जगहों पर निगरानी रखेंगे और पता लगाएंगे की पहलवान अनावश्यक इंजेक्शन का इस्तेमाल कहां-कहां पर कर रहे है। उन्होंने लिखा है कि ऐसी अनैतिक कार्रवाईयों की बकायदा वीडियो रिर्काडिंग भी की जायेगी और दोषी पाए जाने वाले प्रतियोगी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। उपरोक्त सूचना का जिक्र करने का आशय यह है कि मध्यप्रदेश में अब खेलो इंडिया यूथ का आयोजन मध्यप्रदेश सरकार के खर्चे पर होने जा रहा है। खेलो इंडिया यूथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना का ड्रीम प्रोजेक्ट है। लेकिन सूत्रों के अनुसार खेलो इंडिया यूथ के आयोजन के पहले भोपाल स्टेडियम में भी सबकुछ ठीक नहीं है, सूत्रों का कहना है कि यहां के कोच भी खिलाडिय़ों में स्ट्रेराइड इंजेक्शन की आदत डाल रहे है, जो छानबीन और जांच का गंभीर मामला है। हालांकि मध्यप्रदेश में उपरोक्त राज्यों की तुलना में नशे की लत का विरोध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद कर रहे है और मध्यप्रदेश के युवाओं को नशामुक्त अभियान से जोड़कर रखने की प्रेरणा मुख्यमंत्री रोज-रोज दे रहे है, लेकिन भोपाल के स्टेडियम से मिली कुछ जानकारियों के अनुसार यहां के कोच और खिलाड़ी भी कभी-कभी पे्रक्िटस के दौरान स्टे्रराइड इंजेक्शन की सलाह से बच नहीं पा रहे है। सूत्रों के अनुसार 09 नव्बर 2022 को नेशनल रेसलर सारा हक के अपहरण के पीछे इसी तरह की नशीले पदार्थों के उपयोग के बाद 15 वर्ष 10 महीने की बालिका को बहकाकर उसका तथाकथित अपहरण किया गया है। उपरोक्त घटना की जांच करने वाले पुलिस उपायुक्त नागेन्द्र पटेरिया ने इस बात की पुष्टि भी की है कि उपरोक्त बालिका के अपहरण की घटना से जिस कोच के तार जुड़े हुए है, वह बीमार हो गया है। उन्होंने कहा कि जिस कोच को पुछताछ के लिए बुलाया गया था, उसका नाम सुमित बताया जाता है जो कि अकादमी कुश्ती कोच के नाम से स्टेडियम में कार्यरत है। हालांकि नशीले इंजेक्शन से लेकर नशे की लत में बहकने वाले खिलाडिय़ों का इस घटना से कोई संबंध नहीं है, लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री, श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया यह प्रतिष्ठा और सुरक्षा दोनों का सवाल है। इस मुद्दे की खबर का लब्बोलुआब यह है कि खेलो इंडिया यूथ के पहले प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों तथा उनको गाईड करने वाले कोच सबको अपनी-अपनी मेडिकल जांच करवानी चाहिए, ताकि मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया यूथ को कुछ अवांछनीय तथ्यों द्वारा नशे की लत में शामिल करने से बचाते हुए मध्यप्रदेश को बदनामी से बचाया जा सके। यह एक अच्छी खबर मिली है कि भोपाल में खेल संचालक आईपीएस अधिकारी रवि गुप्ता ने महिला खिलाडिय़ों को कोचिंग देने वाले पुरूष कोचो को हटा दिया है।
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