बड़ी खबर: संदीप नेपोलियन
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 15 वर्ष 10 महीने की बालिका नेशनल रेसलर सारा हक को बहला-फुसला कर भगाकर ले जाने वाले हिन्दू जाति के तथाकथित खिलाड़ी नवीन नाम के लड़के ने अंतत: उस लड़की के साथ गैरकानूनी ढंग से शादी रचा ली। मध्यप्रदेश सरकार के युवा एवं खेल मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया तथा खेल संचालक रवि गुप्ता की जानकारी में जबसे इन दोनों के विवाह की पुष्टी हुई है, तब से पूरे स्टेडियम में हड़कंप मच गया है। स्टेडियम के खिलाडिय़ों और अधिकारियों की जुबान इस मुद्दे को लेकर खामोश है। लेकिन दबी जुबान से खिलाडिय़ों ने खेलो इंडिया यूथ के आयोजन से पहले मध्यप्रदेश के खिलाडिय़ों का मनोबल कमजोर करने वाली इस घटना का जिक्र करना शुरू कर दिया है। जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खेलो इंडिया यूथ को प्रतिष्ठा का विषय बनाया हुआ है, वहीं इस तरह की घटना से खेलो इंडिया यूथ में शामिल बाकी सभी खिलाडिय़ों और उनके परिवारों के बीच यह डर बैठ गया है कि वे स्टेडियम में प्रशिक्षण लेने अपने बच्चों को भेजे या नहीं। स्टेडियम के खिलाडिय़ों का यह कहना है कि सरकार और पुलिस की सख्ती से ही नाबालिग सारा हक जैसे नेशनल प्लेयर के तथाकथित अपहरण की घटनाओं से बचा जा सकता है। “राष्ट्रीय हिन्दी मेल” के इस प्रतिनिधि से एक संक्षिप्त बातचीत में राजधानी के पुलिस उपायुक्त नागेन्द्र पटेरिया ने कहा कि नेशनल प्लेयर नाबालिग सारा हक को बहला- फुसला कर ले जाना वाला नवीन नाम के व्यक्ति का आपराधिक कृत्य है, उसके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। पुलिस उपायुक्त पटेरिया ने कहा कि राजधानी की पुलिस टीम ने दिल्ली जाकर नाबालिक सारा हक और नवीन नाम के व्यक्ति की खोज पूर्ण कार्रवाई पूरी कर ली है। उनके अनुसार नवीन ने सारा हक को बहला-फुसला का गैरकानूनी ढंग से विवाह कर लिया है, नागेन्द्र पटेरिया ने यह भी बताया कि नवीन नामक व्यक्ित जिसने सारा हक को भगाया है, वह एक हिन्दू लड़का है और शादीशुदा है, जिसने पूर्व पत्नी को तलाक दिये बिना दूसरा विवाह किया है, इसलिए सारा हक के साथ उसका विवाह आपराधिक कृत्य है और गैरकानूनी है। बता दें कि नेशनल रेसलर सारा हक 15 वर्ष 10 वर्ष की नाबालिग मुस्लिम लड़की है, इसलिए उसका विवाह करना भी गैर कानूनी है। पुलिस उप आयुक्त नागेन्द्र पटेरिया ने यह बताया है कि आगामी 24 नव्बर को न्यायालय में लगाई गई याचिका के मामले में मध्यप्रदेश की पुलिस अपना मजबूती से पक्ष रखेगी, ताकि भविष्य में इस तरह की आपराधिक गतिविधियों से निजात पाने में न्यायालय की उन्हें मदद मिलेगी। इस बड़ी खबर का लब्बोलुआब यह है कि राजधानी की पुलिस स्टेडियम में सक्रिय सभी कोचो की जांच पड़ताल कर सकती है और उनसे सारा हक के मामले में किसी कोच के माध्यम से मिल रही धमकियों के बारे में आशंका पर भी पूछताछ करेगी।
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