इधर मुख्यमंत्री जी कह रहे थे जिससे वर्दी का नाम खराब हो ऐसा कोई काम नहीं करना उधर…

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उस संकल्पबद्धता की जितनी भी तारिफ की जाये वह कम है, जिसमें मुख्यमंत्री ने परसो 6 हजार से अधिक पुलिस आरक्षकों की नयुक्ति पत्र प्रदान करते हुए सार्वजनिक रूप से कह रहे थे कि ‘पुलिस वाले भाईयों एवं बहनों, कोई ऐसा काम नहीं करना जिससे पुलिस की वर्दी का नाम खराब हो और मामा व्यथित हो। लेकिन दूसरी और एक बड़े नाम वाले उद्योगपति ने ऐसी समानान्तर सरकार चला रखी है और पुलिस वाले उसके इशारों पर जिस तरह का असंवेदनशील काम करते है आप सुनेंगे तो मुख्यमंत्री जी के भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे। वाक्या है कोयले खदान से नियमों का 100 प्रतिशत पालन करते हुए एक ट्रक ड्राईवर उपरोक्त उद्योगपति के पॉवर प्लांट में ट्रक अनलोड करने के लिए उस कानवाई के पीछे चलता है, जिसकी अनुमति वहां पर ना तो पुलिस ने दी है और ना ही जिला प्रशासन ने। परन्तु इसकी सजा उस उपरोक्त ट्रक ड्राईवर को कानवाई के पीछे चलने से इसलिए मिलती है, क्योंकि सड़कों में गड्ढ़े, रास्ते में गाय-भेंस की जिन्दगी बचाने के लिए वह 4 घंटे लेट हो जाता है। उसकी सुनवाई पुलिस का टीआई सिर्फ इसलिए नहीं करता, क्योंकि ट्रांसपोटर्स बाथरूम में होने की वजह से दो मिनट मोबाइल नहीं उठा पाया, जिसकी सजा पुलिस के टीआई और खनिज अधिकारी दोनों ने मिलकर इतनी बड़ी दे दी कि ट्रक ड्राईवर जो कि लापरवाह बिल्कुल नहीं, गरीब और ईमानदार उसके ट्रक के ऊपर जिसमें एक किलो भी ओवरलोड नहीं, कागजात सब सही, लेकिन गुस्सा पुलिस के टीआई का, 4 लाख 32 हजार का जुर्माना अनजाने में कलेक्टर साहब ने ठौंक दिया। अब कलेक्टर अपने आदेश को बदल नहीं सकते, पुलिस और खनिज के अधिकारियों द्वारा झुठी रिपोर्ट का अहसास हो चला है, लेकिन अपील पहुंच गई कमिश्नर साहब के हाथों में। देखना है पुलिस की बेरहमी का अब उपरोक्त ट्रक ड्राईवर और उसके मालिक को क्या सिला मिलता है। सूत्र कहते है कमिश्नर साहब संवेदनशील है, इंतजार फैसले का है उक्त ट्रक ड्राईवर को न्याय का है…। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त वाक्या सिंगरोली जिले में घटित असंवेदनशील कार्रवाई से संबंधित बताई जाती है। खबरची….