मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ अलग-अलग दल और अलग-अलग विचारधारा की सरकार है, लेकिन काम करने के तौर- तरीकों में ज्यादा अंतर नहीं है। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश में एक भारी भरकम मंत्री और छत्तीसगढ़ में भी उसी महकमे के मंत्री के अपने-अपने लोग काम कराने के नाम पर तो छोडि़ए, काम के लिए केवल एक बार मोबाइल लगाने के बदले दो-दो, चार-चार पेटी माँग लेते है, और तो और उनकी इस डिमांड में काम की गारंटी बिल्कुल नहीं होती। सामने वाला इस बात के लिए,उपहार देने को राजी हो जाता है, ताकि उसके फाईल की चर्चा तो मंत्रालय में अथवा मंत्री जी के सामने ठीक से कर ली जायेगी। सूत्र बताते है कि, मोबाइल पर उपरोक्त दोनों मंत्रियों के नजदीक होने का दावा करने वाले उनके अपने-अपने लोग, ऐसा कब से कर रहे है दोनों मंत्रियों को पता नहीं है। लेकिन मध्यप्रदेश में सूचना मिली है कि, यहां के मंत्री ने अपने बंगले में चौकसी बढ़ा दी है, जबकि छत्तीसगढ़ में इस सूचना की पुष्टि के लिए, अपने नजदीक के अधिकारी को काम पर लगा दिया है। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त वाक्या मध्यप्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय, राजनैतिक रूप से ठाकुरों के सबसे बड़े नेता ईमानदार कैबिनेट मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया तथा छत्तीसगढ़ में सज्जनता के धनी निहायत ईमानदार आदिवासियों के, दलितों के और पिछड़ो के सबसे बड़े नेता पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार डेहरिया को लेकर नहीं लिखा गया है। खबरची..