विशेष रिपोर्ट: विजय कुमार दास (मो. 9617565371) एवं ग्वालियर से कृष्णकांत समाधिया
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का चुनावी समीकरण पहली बार जाति आधारित रणनीति पर केन्द्रीत हो गया है। और जाति आधारित राजनीति की सफलता की कुंजी मध्यप्रदेश में 50 प्रतिशत से अधिक ओ.बी.सी वर्ग के हाथों में है, जिसे साधने के लिए मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दें, तो आश्चर्यजनक कुछ भी नहीं होगा। बता दें कि, 2023 विधानसभा चुनाव में 200 के पार, तथा 2029 लोकसभा चुनाव में विजय हासिल करने के लिए, 29 की 29 लोकसभा सीटों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मध्यप्रदेश की भाजपा इकाई और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वह सबकुछ करने के लिए कहा है, जो उपरोक्त दोनों चुनावों में जीतने के लिए जरूरी है और यदि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती के मोटीवेशन का सहयोग मिल रहा हो, तो उसे उपयोग में लाने के लिए कुछ सोचने की जरूरत नहीं है। सूत्रों के अनुसार भाजपा हाईकमान की और से संगठन महामंत्री अजय जमवाल ने यहां पर नेताओं की क्लास लगाना प्रारंभ कर दिया है। यदि अजय जमवाल के सूत्रों की माने तो उन्होंने 2018 में भाजपा की हारी हुई 103 विधानसभा सीटों में यह पता लगाने के लिए कहा है कि, उपरोक्त दोनों चुनावी परिणामों में ओ.बी.सी फैक्टर का कितना असर है और उसे साधने के लिए भाजना क्या-क्या कर सकती है। समझा जाता है कि, अजय जमवाल डीजिटल और सोशल मीडिया से दूर रहकर, फिजिकल संवाद के लिए ओबीसी वर्ग को दलित एवं आदिवासियों की तर्ज पर ही महत्वपूर्ण बनाकर चुनावी रणनीति पर कारगर ढंग से काम करने के लिए निर्देश भी दिए है। परन्तु ओबीसी की आवश्यकता और जातीय महत्व को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने ‘मेरो तो गिरधर गोपाल’ की तर्ज पर अब भाजपा के लिए, बड़े मोटिवेशन का प्रोग्राम बनाया है। जबसे शिवराज सरकार ने उमा भारती की शराब पर अंकुश वाले मिशन को कैबिनेट का फैसला बना दिया है, तब से उमा भारती अपनी राजनैतिक अहमियत को महत्वपूर्ण बनाने के मिशन के चलते मोटीवेशन का काम शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार उमा भारती ने ओबीसी के महत्वपूर्ण नाराज नेताओं को भाजपा से जोडऩे के लिए, एक सूत्रीय कार्यक्रम बनाया है, जिसकी शुरूआत वह आगामी 3 मार्च को केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया के इलाके में शिवपुरी अथवा पिछोर में एक विशाल आम सभा के माध्यम से करने जा रही है, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रमुख भूमिका निभाने वाले हैं। सूत्र कहते है कि, इस श्रंखला के पहले पायदान में भाजपा से लंबे समय से नाराज चल रहे प्रीतम लोधी को सस्मान सिंधिया के साथ, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भाजपा में वापसी कराई जायेगी। बता दें कि, प्रीतम लोधी भाजपा से निष्काषित होने के बाद पिछौर विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधानसभा का निर्दलीय चुनाव लड़ चुके है। 2018 का विधानसभा चुनाव मात्र 2300 वोटों से हारने वाले प्रीतम लोधी के समर्थकों की संख्या अकेले शिवपुरी जिले में एक लाख से ऊपर बताई जा रही है। परन्तु प्रीतम लोधी इतने आसान भी नहीं है कि, मुख्यमंत्री कहे और वह भाजपा में आसानी से आ जाए। इसलिए भाजपा में प्रीतम लोधी को लाने के लिए, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मोटिवेशनल कार्यक्रम चला रखा है और महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया से कहा है कि, यदि वे प्रीतम लोधी के सन की रक्षा करेंगे तो प्रीतम लोधी 3 मार्च को सिंधिया के नाम पर भाजपा में अपने लाखों समर्थकों के साथ सम्मिलित हो जाएंगे। सूत्रों के अनुसार प्रीतम लोधी की बातचीत काब्यौरा अभी भी अघोषित है, परन्तु ‘राष्ट्रीय हिन्दी मेल’ की पड़ताल बताती है कि, महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रीतम लोधी के साथ-साथ मध्यप्रदेश के सभी वर्ग के ओबीसी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का वायदा किया है। जानकारों का कहना है कि, उमा भारती मोटिवेशनल प्रोग्राम से ओबीसी चाहे लोधी समाज या ओबीसी से संबंधित कोई भी पिछड़ी जाति हो, जिसकी संख्या मध्यप्रदेश में 88 से भी अधिक है, उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जोड़कर भाजपा का सबसे बड़ा हिस्सा बनाया जा रहा है, जिसमें प्रीतम लोधी एक बड़ी शुरूआत होगी। गौरतलब यह है कि, प्रीतम लोधी के भाजपा में आने से कुछ व्यवहारिक बातें हैं, जिसे पूरा करने की जिम्मेदारी सिंधिया और उमा भारती को ही उठानी पड़ेगी। इस विशेष रिपोर्ट का लब्बोलुआब यह है कि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी फैक्टर को गंभीरता से समझ लिया है, जिसके भरोसे 2023 और 2024 की चुनावी बैतरणी पार कर जायें, तो चौंकिएगा मत…।
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