मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई बार पहले भी उनके मंत्रिमण्डल के साथियों ने यह शिकायत की थी कि, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उनकी बात बिल्कुल नहीं सुनते। कुछ मंत्रियों ने तो मुख्यमंत्री से यहां तक कहा था कि, मुख्य सचिव ने अपने प्रमुख सचिव से कह रखा है कि, तबादला हो या रेत की खदान या मंत्रियों की सिफारिश एक कान से सुनों और दूसरे कान से निकाल दो, इसी के चलते गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, कृषि मंत्री कमल पटेल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, ऊर्जा मंत्री प्रद्यु्म सिंह तोमर, राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत तथा आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, लगातार हैरान परेशान रहे है। लेकिन सूत्रों के अनुसार एक वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव ने मध्यस्थता करते हुए, यह सफलता पाई है कि, मुख्य सचिव अब मंत्रियों की बात सुनने लगे है। मतलब अब केवल भूपेन्द्र सिंह की बात मुख्य सचिव सुनेंगे ऐसा नहीं होगा। चुनाव का साल है, यदि मुख्य सचिव सब मंत्रियों की बात नहीं सुनेंगे तो सारे मंत्री किसी दिन जिद्दी मुख्य सचिव के दफ्तर के सामने धरने पर बैठ जाए, तो चौंकिएगा मत। खबरची…
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