मुद्दे की खबर: अनीता चौबे (मो. 9893288371)
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का पहली बार शिवराज सरकार के सामने उग्ररूप देखने के लिए राजभवन के नजदीक कल जनता उमड़ रही थी, लेकिन जैसे ही पता चला कि जवाहर चौक पर ही टीम कमलनाथ को रोक दिया गया है, तो मामला राजनैतिक रूप से ज्यादा महत्वपूर्ण बन गया। राजभवन को घेरने निकले कमलनाथ थोड़े ही समय में रणछोड़ हो गये और आनन-फानन में भाषण देकर सभा स्थल से निकल गए, लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने मोर्चा संभाला और कहा कि 15 महीनों की सरकार में कांग्रेस ने काम किया है। पब्लिसिटी नहीं की है। दूसरी और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कांग्रेस की लीडरशिप की दूसरी कतार को संभालते हुए बड़ी घोषणा कर दी है। जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज किसान पुत्र होते हुए भी किसानों के साथ बार-बार धोखा करते है। लेकिन जीतू पटवारी किसान पुत्र होने के साथ- साथ पूरी ईमानदारी से यह वायदा करते है कि मध्यप्रदेश में यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो गेहूं का समर्थन मूल्य तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल दिया जाएगा। जीतू पटवारी का आशय था कि ताज होटल में बैठकर पांच हजार प्रति प्लेट का एक वक्त का लंच अथवा डिनर करने वाली शिवराज सरकार को किसानों की चिंता नहीं है। गेहूं का समर्थन मूल्य मात्र तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल देने में सरकार की जुबान फिसल जाती है और पांच हजार रुपए प्रति प्लेट का लंच/डिनर कैसे आसानी से डकार जाते है, यह मध्यप्रदेश के लाखों किसानों को समझना होगा। जीतू पटवारी ने कहा है कि कांग्रेस की बनेगी सरकार तो किसानों का मिलेगा गेहूं का समर्थन मूल्य तीन हजार। जीतू की इस घोषणा से भाजपा में हड़कंप मच गया है। बता दें कि भोपाल में कल कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन किया था, जिसमें महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों को लेकर राजभवन घेरने निकले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने वाटर कैनन से खदेड़ा। बैरिकेड तोड़ कर आगे बढऩे के दौरान कुछ कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी तथा पूर्व मंत्री एवं विधायक जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी समेत 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। कांग्रेस का यह प्रदर्शन 2 घंटे चला। कार्यकर्ता पैदल, जबकि कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह और दूसरे बड़े नेता ट्रक पर सवार होकर आगे बढ़े। इसके पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रणछोड़ बनकर इसलिए चले गए कि शायद उनकी सेहत ने इस आंदोलन में ज्यादा समय रहने की इजाजत नहीं दी। बता दें कि रंगमहल चौराहे से 100 मीटर आगे ही पुलिस ने एक और बैरिकेडिंग कर रखी थी। कार्यकर्ताओं ने यहां भी पुलिस से बहस की। बैरिकेड के ऊपर चढ़ गए। यह बैरिकेड भी कार्यकर्ता तोड़ते इससे पहले पुलिस ने वॉटर कैनन से पानी का तेज प्रेशर मारकर उन्हें पीछे खदेड़ दिया। भिंड युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष डॉ. राजकुमार के हाथ में चोट आई है। सतना से आया एक कार्यकर्ता बेहोश हो गया। उसे रेनबो हॉस्पिटल ले जाया गया। गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को 3 बसों में भरकर पुलिस प्रदर्शन स्थल से लेकर रवाना हो गई। डीसीपी सांई कृष्ण थोटा ने बताया, प्रदर्शन में 5 हजार की भीड़ थी। गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पीछे हटना शुरू हो गए। इस बीच कमलनाथ भी कार से रवाना हो गए। जवाहर चौक से पैदल मार्च शुरू होने से पहले सभा में पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं से कहा, सबसे बड़ी परीक्षा अगले 6 महीने में आपकी निष्ठा की है। विश्वास है कि अगर जिस निष्ठा से आपने कांग्रेस का झंडा 18 साल उठाया है, आप अपनी कमर कस लें तो कोई नहीं रोक सकता। यह कांग्रेस की नहीं, मध्यप्रदेश के भविष्य की बात है। उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश में हर वर्ग परेशान है। भटकता नौजवान, दुखी किसान, व्यापारी …सब परेशान घूम रहे हैं। आपको अपना सिर नहीं झुकाना, छाती ठोंक कर कहिए कि 15 महीने की सरकार में हमने क्या- क्या किया। 15 महीनों में हमने अपनी नीति और नीयत का परिचय दिया।
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