10 लाख शासकीय कर्मचारी नाराज फटा-फट कुछ करिए शिवराज

संडे डायरी: विजय कुमार दास (मो. 9617565371)
मध्यप्रदेश में 10 लाख शासकीय कर्मचारी हैं और अलय-अलग कर्मचारियों की समस्याएं भिन्न-भित्र है। राजनीति में मध्यप्रदेश के कर्मचारियों ने विधानसभा के चुनावों मे दो बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिससे तत्कालीन सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। पहला अवसर था 2003 में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिह ने सार्वजनिक रूप से जब यह कह दिया कि उन्हें कर्मचारियों के वोट नहीं चाहिए. कर्मचारी कोर्ई चुनाव नहीं जिता सकते है। तब उस समय दिग्विजय सिह को अपनी सत्ता गंवानी पड़ी और आज तक वे सत्ता में दोबारा नहीं लौट पाये । दूसरा अवसर था 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शासकीय कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया तो वही शासकीय कर्मचारी शिवराज सिंह चौहान को सत्ता छोड़ने के लिए बाध्य करने में सफल हो गए और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार बनाई कथा 15 महीनों में उखड़ भी गई। अब फिर से नवम्बर 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और मध्यप्रदेश के 10 लाख शासकीय कर्मचारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए इसे एक मौका मान लिया है यदि शासकीय कर्मचारियों की समस्याओं को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गंभीरता से नहीं लिया तो परिणाम भी गंभीर हो सकते है, हालाकि सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान को पता है कि 10 लाख कर्मचारियों के परिवारों में औसतन 6 मतदाओं ने अहम भूमिका निभाई तो 60 लाख मतों से सत्तारूढ़ दल को पिछड़ना पड़ सकता है । इसलिए यदि शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दोनों में से कोर्ड सबसे पहले शासकीय कर्मचारियों की पुरानी स्कीम सातवें वेतनमान का लाभ एरियर्स और नियमितिकरण के साथ-साथ आठ से 10 हजार रूपए प्रत्येक शासकीय वेतन में वृद्धि को स्वीकार कर लिया तो यह केवल मास्टर स्ट्रोक नहीं होगा बल्कि यूं कहा जाये नाराज कर्मचारियों को चुनाव के पहले मना लेने के लिए ब्रह्मास्त्र कहलायेंगा। बता दें कि मध्यप्रदेश में अक्टूबर 2016 से स्थाई कर्मचारियों को छठवें वेतनमान का भुगतान किया जा रहा है। लेकिन कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर बने राज्य वेतन आयोग ने कोई ऐसी सिफारिशों को लागू नहीं किया है जिससे शासकीय कर्मचारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति उदार भाव से व्यवहार करेंगे। परंतु लम्बे समय से सातवें वेतनमान की मांग कर रहे शासकीय कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार यदि शिवराज ने 2-4 दिनों के अंदर फट-फट कुछ बड़ा फैसला ले लिया तो फिर यही शासकीय कर्मचारी 2023 को विधानसभा चुनाव भाजपा को पाँचवी बार जिता दें तो चौंकिएगा मत…