मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ कई बार कह चुके हैं कि 1984 के सिक्ख दंगों से उनका कोई लेना-देना नहीं है। 2018 में मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने सिक्ख दंगों से उठे हुए सवालों का कई बार जवाब दिया है, लेकिन विधानसभा चुनाव के आते-आते ये पुराने सवालों को जिन्न बाहर निकल आता है। और इस जिन्न को इस बार बाहर निकालने के लिए सबसे आगे कोई ओर नहीं प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष विष्णुदāा शर्मा है, जो यह मानकर चल रहे हैं कि यदि तीर निशाने पर लग गया तो पंडितजी कमलनाथ से बड़े नेता बन जायेंगे। इसलिए एक बार फिर 1984 का जिन्न बाहर निकल आया है। जब-जब चुनावों का मौसम आता है, राजनीतिक दलों का एक दूसरे के खिलाफ और जोर-शोर से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरु हो जाता है। इस दौरान सिर्फ तात्कालिक मुद्दे ही नहीं उछाले जाते। वरन आमजन को मुद्दो से भटकाने के लिए बरसों बरस पुराने मामलों को भी कब्र खोद कर फिर से छेड़ दिया जाता है। मध्यप्रदेश की राजनीति में भी इन दिनों ऐसा ही कुछ हो रहा है। मिशन 2023 फतह करने के लिए भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप मढऩे का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे और इसी दौरान 1984 के दंगों को लेकर फिर कमलनाथ और भाजपा नेता आमने सामने हैं। कमलनाथ ने कहा है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अपने दो नंबर के काम छुपाने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें खुली चुनौती दे दी है। उन्होने ये भी कह दिया है कि वो दिग्विजय सिंह के जेल तक पहुंचाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे… खबरची