मध्यप्रदेश में रतलाम जिला आजकल हॉट केक बना हुआ है, खबर छोटी हो या बड़ी अखबारों की सुर्खियों में सबसे ऊपर रहती है। बताते हैं कि रतलाम जिले के कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रत्येक अवधारणा को अपने जीवन का सपना मान लेते हैं, और उसे पूरा करने के लिए अपनी जान भी लगा देते हैं। इसी के चलते कल रतलाम जिले में 650 घरों वाले एक गाँव में स्वामित्व योजना के अंतर्गत मिले पट्टे में मालिकाना हक को लेकर गाँव वाले धरने पर बैठ गये। गलती तहसीलदार साहब की यह थी कि उन्होंने गाँव वालों को ठीक से नहीं समझाया। लेकिन धरने की गूंज भोपाल तक पहुंचे इसके पहले कलेक्टर साहब स्वयं दल-बल सहित धरना स्थल पर पहुंच गये। बता दें कि यह मामला रतलाम के मछली गाँव का है, जहां पर लंबे समय से गाँव वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के अनुरूप स्थाई पट्टे की मांग कर रहे थे, लेकिन तहसीलदार साहब और नेता जी उन्हें आश्वासन और भाषण के अलावा कुछ दे नहीं पाते थे। तो मामला इतना गर्म हो गया कि गाँव वाले भड़क गये। और कहने लगे कि उन्हें पट्टे की जमीन नहीं मिली तो वे किसी नेता को चुनाव के समय घुसने नहीं देंगे। फिर होना क्या था कलेक्टर नरेन्द्र सूर्यवंशी ने सूझबूझ से काम लिया धरना स्थल पर पालथी मार कर बैठ गये और गाँव वालों को समझाया, मैं कलेक्टर हूं भरोसा करो मुझ पर 15 दिनों के अंदर आपकी समस्या का निराकरण करके दे दूंगा। परंतु कुछ महिलाएं जब कलेक्टर से यह कहने लगी कि पहले ऐसा बोला गया था, तब कलेक्टर भावुक हो गए। राष्ट्रीय हिन्दी मेल टीम के प्रतिनिधि ने यह पाया कि कलेक्टर कह रहे है ‘मुझे कलेक्टर मत मानों मुझे अपना भाई मान लो, मुझ पर भरोसा करो मेरी बात मानों, मैं 15 दिनों के अन्दर उक्त योजना का लाभ दिलाकर रहूंगा। बस कलेक्टर साहब इतना कहना क्या हुआ धरना स्थल पर सबसे खूब तालियाँ बजाई और कलेक्टर साहब को धन्यवाद दिया, धरना समाप्त भी कर दिया। बाद में कुछ लोगों ने शिवराज सिंह चौहान जिन्दाबाद के नारे भी लगाये। खबरची