मेरी सफलता उनकी सफलता से बड़ी

पिछले दिनों राष्ट्रीय हिंदी मेल में भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े की सफलता और मेहनत के दम पर आईएएस बनने की कहानी को पढ़कर कई कलेक्टरों ने अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया जाहिर की थी, लेकिन प्रदेश के दूर-दराज जिले में पदस्थ एक कलेक्टर ने बाकायदा फोन कर कहा कि जिस तरह से आपने भोपाल कलेक्टर की सक्सेस स्टोरी को रेखांकित किया है, मैं चाहता हूं, मेरी कहानी को भी सक्सेस स्टोरी में जगह मिले। भोपाल कलेक्टर से ज्यादा मेरी सफलता की कहानी है। मेरे जिले में आकर मेरी कहानी को भी सुनें, देखें तब आपको पता लगेगा कि जिन्दगी के कितने अभावों और कष्टों के दौर के बावजूद मैंने आईएएस क्लीयर किया है। इतना ही नहीं, उक्त कलेक्टर ने यह भी कहा कि जिस तरह से आपने उनकी सफलता की कहानी को बयां किया है, उससे मुझे ईष्र्या हुई है। आखिर मेरी सफलता की कहानी उनकी सफलता की कहानी से बड़ी है।