पुलिसकर्मियों से करेंगे संवाद : डीजीपी

रजत परिहार
भोपाल, 26 दिसंबर। मध्य प्रदेश के पुलिसकर्मियों की स्थिति भी कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है, वह भी काम के बोझ तले दबे हुए हैं। प्रदेश में अभी आवश्यकतानुसार हजारों पुलिस जवानों की कमी है। जिसे समय रहते भरना शिवराज सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस समय मध्यप्रदेश के पुलिस कर्मियों का मनोबल लगातार गिरता जा रहा है, वह काम में रुचि नहीं ले रहे हैं।
इस बात को लेकर पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने पुलिसकर्मियों के बीच संवाद की आवश्यकता बताई है। उन्हें पूरे प्रदेश में संवाद कार्यक्रम आयोजित कर पुलिसकर्मियों से उनकी समस्या सुनकर तत्काल उसका समाधान करने की दिशा में पहल की है। वर्तमान पुलिस महानिदेशक के कार्यकाल में करीब एक दर्जन से अधिक मामले पूरे प्रदेश में हो चुके हैं। जिसमें पुलिसकर्मियों ने आत्महत्या की है या फिर कई पुलिसकर्मियों की हरकत से खाकी बदनाम हुई है, जबकि स्वयं पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को एक गंभीर आईपीएस के रूप में भी जाना जाता है, इसके बाद भी पुलिसकर्मी ऐसे कदम क्यों उठा रहे हैं, यह चिंता का विषय है। अगर बीते कुछ माह पहले हुए मामलों पर नजर डालें तो मिनी मुंबई के नाम से मशहूर इंदौर में सीआईडी शाखा के डीएसपी पवन मिश्रा पर यौन शोषण का मामला शाहपुरा थाने में दर्ज है। उन्होंने खाकी वर्दी को तार-तार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बताते हैं कि डीएसपी पवन मिश्रा ने तथाकथित एक महिला को पत्नी बनाकर उसका यौन शोषण किया था। वहीं डिंडोरी जिले के एसआई आरएम चंदोल ने एक मामले में 5000 की रिश्वत मांगी थी। जिसकी सूचना जबलपुर लोकायुक्त को देकर एसआई को रंगे हाथों पकड़ा था। अगर हम बात करें धार जिले के पीथमपुर की तो यहां पर दो आरक्षक मोहन बोड़ाना और शिवेंद्र ने एक दंपति से 10,500 रुपए नगद तथा सोने की चेन ले ली थी, बाद में धार एसपी ने दोनों आरक्षक को निलंबित कर लूट का मामला दर्ज कराया था। हाल ही में अभी से 2 दिन पहले अशोकनगर जिले के एएसआई सतीश रघुवंशी ने पुलिस अधिकारियों की प्रताडऩा से तंग आकर वायरलेस टावर पर लटककर फांसी लगा ली थी। मृतक रघुवंशी के जेब से बकायदा एक सुसाइट नोट निकला, जिसमें कोतवाली टीआई बीएस गौर सहित अन्य लोगों पर मानसिक प्रताडऩा का आरोप लगाया था। ऐसे कई मामले पूरे प्रदेश में हुए हैं, जिससे अन्य पुलिस अधिकारी-कर्मचारी का मनोबल गिरा है और खाकी वर्दी बदनाम हुई है। हालांकि कई मामलों में मध्य प्रदेश पुलिस को देश की सबसे अच्छी पुलिस भी बताया गया है, लेकिन पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो, इसके लिए तत्काल कोई उचित निर्णय लेना चाहिए। प्रदेश की शिवराज सरकार और सभी पुलिस अधिकारी तथा कर्मचारियों को बतौर पुलिस महानिदेशक आपसे बहुत सारी उम्मीदें हैं, जिस पर आपको सौ प्रतिशत खरा उतरना है।