मोदी सरकार का फरमान
मुख्य संवाददाता
भोपाल, 27 दिसम्बर। भारतीय प्रशासनिक सेवा की चल-अचल संपत्ति के ब्यौरे को लेकर केंद्र सरकार ने आदेश जारी किए हैं। अपनी चल-अचल संपत्ति और रिटर्न फाइल करने में आना-कानी करने वाले आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार ने साथ ही सख्त चेतावनी भी दी है कि जो अधिकारी ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें प्रमोशन और विदेश में पोस्टिंग के लिए जरूरी सतर्कता मंजूरी प्रदान नहीं की जाएगी। उधर प्रदेश के अफसरों का कहना है कि मध्यप्रदेश का ग्राफ इन मामलों में बेहद अच्छा रहा है।
यह हर साल की रूटीन प्रक्रिया है, जिसे सभी अधिकारी नियम से फॉलो करते ही हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार डीओपीटी ने गत वर्ष नए सिस्टम को ओपन करते हुए अधिकारियों के रिटर्न फाइल करने के लिए ऑनलाइन मॉडयूल डिजाइन किया था, जिसके तहत अधिकारी रिटर्न की हार्ड कॉपी इस मॉड्यूल पर अपलोड भी कर सकते हैं, इसलिए किसी तरह की तकनीकी परेशानी के चलते देर न हो, सरकार ने तय समयानुसार रिटर्न भरने के आदेश जारी किए हैं। देश भर के करीब 5 हजार आईएएस अधिकारियों में प्रदेश में इस समय 356 आईएएस अधिकारी पदस्थ हैं। दरअसल गत वर्ष अपनी जानकारी ऑनलाइन करने में कुछ अधिकारियों को परेशानी हुई थी, जिसके चलते समय-सीमा निकल जाने के बाद भी वह रिटर्न ऑनलाइन नहीं कर पाए थे, लिहाजा इस वर्ष 31 जनवरी से पहले सभी ऑफिसर्स को ऑनलाइन रिटर्न भरने के निर्देश भी सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए हैं।
इनका कहना है
डीओपीटी के यह आदेश नए नहीं हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के मॉड्यूल में अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा हर वर्ष देना अनिवार्य होता है। यह जरूरी है। ब्यौरा नहीं देने का असर अफसरों की गोपनीय प्रतिवेदन पर भी पड़ता है।
अंटोनी डिसा, पूर्व मुख्य सचिव
चूंकि गत वर्ष संपत्ति को ऑनलाइन फाइल करना था और ऐन वक्त पर तकनीकी खामियों के चलते कई अधिकारी अपनी रिर्टन ऑनलाइन फाइल नहीं कर पाए थे। हालांकि उन्होंने अपनी संपत्ति के ब्यौरे मैनुअली विभाग में जमा करा दिए थे, लेकिन इस बार समय से पूर्व ही अधिकारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा और रिटर्न फाइल करने संबंधी पत्र भेजा गया है।
रश्मि अरूण शमी, सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग
यह हर साल की प्रक्रिया है। अफसर की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा और संबंधित रिटर्न आदि केंद्र सरकार द्वारा डीपीसी में भी देखे जाते है। यदि दस्तावेज पूर्ण न हों तो प्रमोशन रूक जाने संबंधी नियम सर्विस रूल बुक में हैं। वैसे मध्यप्रदेश का ग्राफ इन मामलों में बेहद अच्छा रहा है।
आकाश त्रिपाठी, एमडी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण
कंपनी, इंदौर
यह प्रक्रिया पारदर्शिता को बढ़ाती है, इसलिए इस प्रक्रिया को सभी अधिकारी फॉलो करते ही हैं। डीओपीटी के पत्र की अभी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन यह हर वर्ष की सामान्य प्रक्रिया है।
सुदाम खाड़े, भोपाल कलेक्टर
30 जनवरी तक दें ब्यौरा
केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक पत्र जारी कर प्रदेश में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को 30 जनवरी 2018 तक संपूर्ण चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा तथा रिटर्न दाखिल करने का निर्देश दिया है। डीओपीटी ने यह निर्देश सभी राज्यों, केंद्र सरकार के सभी विभागों में पदस्थ अधिकारियों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे हैं। डीओपीटी के निर्देशानुसार साफ है कि तय समय-सीमा के भीतर अचल संपत्ति के रिटर्न नहीं जमा करवाने वाले आईएएस अधिकारियों को प्रमोशन और विदेश में तैनाती के लिए आवश्यक सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी।