परिवहन चेक पोस्टों पर अवैध वसूली बंद करने का अभियान हुआ सफल, परिवहन विभाग ने भी माना चेक पोस्टों पर होती है अवैध वसूली, मोहन कैबिनेट ने प्रायवेट व्यक्तियों के बैठने पर लगाई रोक

विशेष संपादकीय: अनीता चौबे (मो. 9893288371)
मध्यप्रदेश में सनातन काल से परिवहन चेक पोस्टों पर ट्रक ड्रायवरों से अवैध वसूली ने पिछले 18 वर्षों में ट्रक ड्रायवरों से अवैध वसूली का कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की तरह कायम कर दिया था। पिछले 10 सालों में तो आलम यह था कि, 300 करोड़ रुपए प्रतिमाह से लेकर 600 करोड़ रुपए की प्रतिमाह अवैध वसूली ट्रक ड्रायवरों को बाहरी व्यक्तियों द्वारा परिवहन चेक पोस्टों को ठेके में संचालित करने के लिए बेधड़क दिया जाता रहा है। परिणामस्वरूप पूरे देश में केवल मप्र ऐसा राज्य साबित हुआ है जहां पर परिवहन चेक पोस्टों पर आने-जाने वाले अंतरराज्यीय ट्रकों से ड्रायवरों को पीट-पीटकर अवैध वसूली की कई घटनाएं सामने आई हैं। दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर, पत्रिका और राष्ट्रीय हिन्दी मेल ने गरीब ट्रक ड्रायवरों के समर्थन में सैकड़ों बार ट्रक ड्रायवरों से अवैध वसूली रोकने के लिए अभियान चलाया और प्रमुखता से शिवराज सरकार से लेकर मोहन सरकार तक बार-बार आगाह किया कि, जब केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूरे देश में परिवहन चेक पोस्टों पर चैंकिंग समाप्त कर दिया है तो फिर मप्र में परिवहन चेक पोस्ट समाप्त क्यों नहीं किए। नितिन गडकरी की बात शिवराज सरकार ने बिल्कुल नहीं मानी लेकिन मोहन सरकार ने गरीब ट्रक ड्रायवरों के दर्द को समझा, सरकार की बदनामी के डर को समझा, और आज यह लिखने में संकोच नहीं है कि, ट्रक ड्रायवरों से अवैध वसूली रोकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में साहस बिल्कुल नहीं था जबकि, मोहन सरकार ने कैबिनेट में इस विषय पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया है कि अब आज से मप्र के 45 परिवहन चेक पोस्टों पर बाहरी कोई व्यक्ति नहीं बैठेगा वहां सिर्फ विभागीय अधिकारी ही होंगे। अतिरिक्त परिवहन आयुक्त उमेश जोगा द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार परिवहन जांच चौकियों पर किसी भी तरह के प्रायवेट व्यक्तियों को वाहनों की जांच के समय मौजूद न रहने दिया जाए, ऐसे आदेश पूर्व में जारी किए गए थे। इसके उपरांत भी कुछ जांच चौंकियों पर प्रायवेट व्यक्तियों द्वारा उपस्थित रहने और कार्य करने की शिकायतें विभिन्न मोटर ट्रांसपोर्ट ऐसोसिएशन एवं विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रहे थे। इस कटु सत्य को मानते हुए परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन मिश्रा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को इस बात के लिए सहमत किया कि, ट्रक ड्रायवरों से परिवहन चेक पोस्टों पर बाहरी व्यक्तियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली से सरकार की भयंकर बदनामी हो रही है। मुख्यमंत्री ने एसएन मिश्रा की बात मानी और अंतत: परिवहन आयुक्त और अतिरिक्त परिवहन आयुक्त सब की उपस्थिति में उन्हें कैबिनेट का निर्णय सुना दिया गया कि परिवहन चेक पोस्टों पर कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं बैठना चाहिए। इसी निर्णय के अंतर्गत अंतत: निर्देश दिया गया है कि परिवहन चेक पोस्टों पर प्रायवेट अनाधिकृत व्यक्तियों की मौजूदगी का कठोरता से निषेध किया जाएऔर उक्त आशय के आदेश अतिरिक्त परिवहन आयुक्त उमेश जोगा के द्वारा जारी कर दिया गया है। इस विशेष संपादकीय का लब्बोलुआब यह है कि, उपरोक्त तीनों दैनिक समाचार पत्रों का गरीब ट्रक ड्रायवरों से अवैध वसूली परिवहन चेक पोस्टों पर बाहरी व्यक्तियों द्वारा प्रतिबंध लगने से देश भर के ट्रांसपोर्ट ऐसोसिएशन के हजारों ट्रक ड्रायवरों द्वारा खुशी जाहिर की गई है वहीं दूसरी ओर परिवहन चेक पोस्टों पर बाहरी तत्वों के द्वारा पत्रकारों को मिलने वाली धमकियों से भी राहत का अहसास हो गया है और सबसे बड़ी बात यह है कि, परिवहन चेक पोस्टों पर ट्रक ड्रायवरों से अवैध वसूली के चक्कर में 8-8 घंटे, 10-10 घंटे ट्रकों के रुके रहने से ट्रकों की परिवहन संख्या में कमी आती थी अब उसमें असीमित वृद्धि हो जाएगी। और जब आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी तो मप्र के परिवहन चेक पोस्टों से आने वाले राजस्व में 3 हजार करोड़ से अधिक की वृद्धि हो जाए तो चौंकिएगा मत।